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साल में एक दिन नहीं, रोज योग भगाए रोग

21 जून 2015 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल आज दुनियां के हर कौने तक पहुंची है। इस खास दिन तपते...
साल में एक दिन नहीं, रोज योग भगाए रोग

21 जून 2015 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल आज दुनियां के हर कौने तक पहुंची है। इस खास दिन तपते रेगिस्तानों से लेकर सियाचीन सी बफीर्ली चोटियांे समेत दिल्ली से डेनमार्क,पंजाब से पेरिस और उत्तरी ध्रुवीय इलाकों में आर्कटिक से लेकर दक्षिणी ध्रुव अंटार्कटिका तक योगमय होता है। योग किसी एक खास दिन तक सीमित नहीं है बल्कि यह हर दिन एक नई उमंग से जीवन जीने की सत्तत कला है। 

 

जून की तपती 21 तारीख को उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित सूर्य का प्रकाश सबसे लंबे समय तक रहने की वजह से यह साल का सबसे बड़ा दिन होता है। इस बड़े दिन को पूरी दुनियां के लिए और अधिक बड़ा बनाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के समक्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का सुझाव रखा था। महासभा के 193 सदस्य देशों मेंं से 175 देशों की स्वीकृति से 21 जून, 2015 को मनाए पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से लेकर आज नौंवे अंतराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पूरी दुनिया योगमय है। 

 

 हमारे वेदों में सप्त ऋषियों का जिक्र किया गया जिसमें से एक ऋषि अगस्त्य मुनि ने योग को जीवन पद्धति बनाने में अहम योगदान दिया। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए महर्षि पतंजलि ने 'पतंजलि योग सूत्र' के जरिए सहज योग से परिचय कराया। नौं वर्षों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ का भाव ‘वसुधैव कुटम्कब’ यानी पूरी दुनिया को एक परिवार मान साकार कर रहा है। 

 

 योग रूपी ‘साफ्ट,स्मार्ट स्किल पावर’ के बल पर जहां भारत पूरी दुनिया को सही दिशा देने मेंं समर्थ है वहीं भारत के कितने लोग रोज योग करते हैं? इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं हैं। 21 जून 2015 को पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके दिल्ली के राजपथा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक साथ एक जगह 84 देशों के 35,985 लोगों का योग करना गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ पर अभी तक किसी संस्था ने यह आंकड़ें नहीं जुटाए कि भारत में कितने लोगों ने रोज योग को अपनाया है?।

 

 अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के पर आयोजित कार्यक्रमों में करोड़ों रूपए खर्च कर योगाभ्यास करते वीवीआईपीज़ की सोशल मीडिया पर वायरल होती तस्वीरें व ‘रील’ बेमानी है यदि ‘रियल’ दिनचर्या में योग नहीं। सकारात्मक सोच व खुशी का बीज मंत्र योग है, पर चिंता की बात है कि 2023 की ‘वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स’ रिपोर्ट में शामिल 156 देशों में 136वें पायदान पर भारत अपने पड़ोसी बांग्लादेश(99) व पाकिस्तान(103) जैसे देशों से भी पिछे क्यों है? युद्ध ग्रस्त रूस व यूक्रेन भी 74वें और 108वें स्थान पर हैं। वर्ल्ड हैप्नीनेस इंडेक्स तय करने के 6 पैमानों मेंं से एक स्वस्थ जीवन की अपेक्षा है।

 

 ‘योग भगाए रोग’ का संदेश दुनिया को देने वाले भारत के ही ज्यादा लोग रोग से घिरे हैं। विश्व स्वास्थ संगठन (डब्लयूएचओ) की रिपोर्ट मुताबिक “अमेरिका और चीन के बाद भारत में सर्वाधिक करीब 20 करोड़ लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। 42 फीसदी कर्मचारी डिप्रेशन व एंग्जाइटी से पीड़ित हैं”।  

 

 दुनिया की ‘डायबिटीज केपिटल’ भारत में दुनिया भर के कुल डायबिटीज मरीजों में से 20 फीसदी हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में 10 करोड़ से अधिक लोेग डायबिटीज की चपेट में हैं। यूके मेडिकल जर्नल लैंसेट के हवाले से प्रकाशित आईसीएमआर रिपोर्ट के मुताबिक 2019 मेंं डायबिटीज से ग्रस्त 7 करोड़ लोगों की तुलना में भारत में अब 10.10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज के शिकार हैं। इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण खराब जीवन शैली है व इलाज मोटा अनाज(मिलेटस) व योेग है।  

 

 राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में हर 16 में से एक महिला और 25 में से एक पुरुष मोटापे का शिकार है। 2019 व 2021 के बीच एनएफएचएस के पांचवें दौर के सर्वेक्षण अनुसार 6.4 फीसदी महिलाएं और 15 से 49 आयु वर्ग के 4 फीसदी पुरुष मोटे हैं। देश मेंं पंजाब सबसे अधिक मोटापे की दर वाला राज्य है। यहां की 14.2 फीसदी महिलाएं व 8.3 फीसदी पुरुष मोटापे से ग्रस्त पाए गए।  

 

  बीमारियों की बाढ़ से बचने के लिए हर रोज 24 घंटे में से 24 मिनट भी योग करें तो आप अपनी मेहनत की जमापूंजी को अस्पतालों में लूटाने से बच सकते हैं। पहले ही देश में एक लाख मरीजों पर एक डाक्टर है,ऐसे में मरीजों से भरे अस्पतालों में इलाज पर लाखों रूपए लुटाने के बाद भी यह पक्का नहीं कि अापका प्रियजन पूरी तरह से ठीक होकर घर वापस लौटेगा? इलाज से बेहतर परहेज है, पहले ही खुद को स्वस्थ रखने के लिए योग अपनाएं। मानसिक संतुलन व कार्यकुशलता का मूलमंत्र योग है। 

 

 योग शिक्षक 85 वर्षीय पिता का पुत्र होने के नाते पिछले 40 वर्ष से रोज योेग अभ्यास के अनुभव पर मैं कह सकता हूं कि परिवार से प्यार करते हैं तो बच्चों से लेकर बुर्जगों को हर रोज योग कराएं तो बीमारियों से दूर पूरे घर में एक नई शक्ति का संचार होगा। ‘इम्यूनिटी’ यानी शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत मजबूत होगी तो बीमारियां पास नहीं फटकेंगी। योग के कई अासन जैसे प्राणाायाम,अनुलोम-विलोम, कपालभाति,भ्रामरी आदि हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करते हैं।  

‘सूर्य नमस्कार’ का चमत्कार भी कम नहीं है। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान(एआईआईए)द्वारा जारी ‘साइंस बिहाइंड सूर्य नमस्कार’ के मुताबिक “विज्ञान ने सूर्य की उपचार शक्तियों व सूर्य नमस्कार के स्वास्थ्य लाभों को मान्यता दी है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास शरीर में जरूरी विटामिन डी को बनाए रखने में मदद करता है। सूर्य नमस्कार के 12 आसानों का अभ्यास जीवन में सहजता व नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है। सूर्य नमस्कार शरीर के तीन दोषों- वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में मदद करता है”। 

 

दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में स्थापित सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसन एंड रिसर्च में योग से कई बीमारियों के इलाज के बहुत अच्छे नतीजे सामने आए हैं। अमेरिका कॉलेज ऑफ स्पोर्टर्स मेडिसन में इलाज की प्रक्रिया में योग भी शामिल है। 

 

जीने की कला योग को अतंराष्ट्रीय योग दिवस के एक ‘इवेंट’ तक ही सीमित न रखते हुए 24 घंटों में से यदि 24 मिनट भी अपने पूरे परिवार के साथ योग करें तो कई शारीरिक व मानसिक बीमारियाें से छूटकारा मिलेगा। जीवन की असली कमाई स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मन है।

 

(लेखक योग विशेषज्ञ एंव नैशनल स्किल डिवैल्पमैंट काॅरपोरेशन के ट्रेनिंग पार्टनर ओरेन इंटरनेशनल के संस्थापक हैं।) 

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