उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार निवेश बढ़ाने के लिए बाहर की और बड़ी कंपनियों को प्रदेश में काम करने का न्योता दे रहे हैं और सुरक्षा की पूरी गारंटी दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बुलंदशहर में इसके उलट कुछ खनन माफिया और दबंग सरकार की इस योजना में पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।
मामला बुलंदशहर के ऊंचा गांव के खादर का है। जहां हैदराबाद की नामी कंपनी मेसर्स सेंसशनल इनपुट्स प्राइवेट लिमिटेड को यूपी सरकार ने खनन के लिए दो पट्टे अलॉट किए हैं। लेकिन कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है कि स्थानीय कंपनी और उसके साथ काम करने वाले कुछ दबंग लोग उन्हें यहां काम ही नहीं करने दे रहे हैं। दूसरे पट्टा धारक के आदमी कंपनी के कर्मचारियों को लगातार डरा धमका रहे हैं। अपहरण की धमकी दे रहे हैं।
उनका यह भी आरोप है कि प्रशासन के कुछ अफसरों कंपनी को काम के लिए सुरक्षित माहौल मुहैया कराने की बजाए स्थानीय कंपनी के साथ समझौते करने का दबाव बनाते हैं। इस संबंध में कंपनी की ने पुलिस से शिकायत की है और जिलाधिकारी से भी न्याय की गुहार लगाई है।
ऊंचा गांव खादर में खनन का पट्टा मिलने वाली कंपनी के कर्मचारी कुंवर पाल ने जिलाधिकारी को लिखे अपने शिकायती पत्र में कहा है कि उनकी कंपनी को जिस जगह खनन का पट्टा मिला है वहां पर गाड़ियों को निकालने के लिए कोई भी सरकारी रास्ता नहीं है। जिसके बाद कंपनी ने स्थानीय किसानों के साथ एग्रीमेंट कर निजी इस्तेमाल के लिए वहां से रास्ता निकाला और कांटा लगाया। आरोप है कि 6 अप्रैल की देर रात करीब ढाई बजे खनन में शामिल दूसरे पट्टा धारक सतीश कुमार छीकारा ने सोची समझी साजिश के तहत अपने ट्रक ड्राइवर के जरिए गाड़ी के टक्कर मरवाकर कांटे को तुड़वा दिया गया। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की। इसके बाद पूरा विवाद उपजिलाधिकारी के पास चला गया।
कुंवर पाल का कहना है कि 7 अप्रैल को उपजिलाधिकारी ने दूसरे पट्टा धारक को आदेश दिया कि जब तक तोड़ा गया कांटा बनवा नहीं दिया जाता वो खनन का काम नहीं करेगा। आरोप लगाया गया है कि 10 अप्रैल को उप जिलाधिकारी राजस्व क्षति का हवाला देते हुए अपने ही आदेश से मुकर गए और अब दूसरे पट्टा धारक सतीश कुमार छिकारा के साथ समझौते का दवाब बनाया जा रहा है।
कंपनी का आरोप है कि उन्हें स्थानीय प्रशासन से सहयोग नहीं मिल रहा है। दूसरे पट्टा धारक के आदमियों के द्वारा तोड़े गए कांटे को बनाने के लिए रास्ता भी बंद नहीं किया जा रहा है और ना ही कर्मचारियों को सुरक्षा मिल पा रही है। कंपनी के कर्मचारी डरे हुए हैं। कंपनी के इस संबंध में एक शिकायती पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी लिखा है। जिसमें ये कहा गया है कि अगर उनकी कंपनी को बुलंदशहर में काम का बेहतर माहौल नहीं मिलता और कर्मचारियों को सुरक्षा नहीं मिलती तो वो उत्तर प्रदेश से पलायन कर जाएंगे