'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकवाद से निपटने और भारत के वैश्विक रुख को मजबूत करने के प्रयासों के बीच केंद्र सरकार ने आज सभी दलीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेशों में भारत की स्थिति को लेकर आज 'टॉकिंग पॉइंट्स' दिए जाएंगे। इन टॉकिंग पॉइंट्स के माध्यम से प्रतिनिधिमंडलों को यह बताया गया है कि उन्हें वैश्विक समुदाय से किन मुद्दों पर बात करनी है और भारत के पक्ष को किस तरह सामने रखना है।
यह कदम उस समय उठाया गया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है और भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करने की रणनीति को तेज कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, इन प्रतिनिधिमंडलों में प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है, जो यूरोप, अमेरिका, खाड़ी देशों और अन्य रणनीतिक स्थानों की यात्रा करेंगे। उन्हें यह निर्देश भी दिए गए हैं कि वे भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं, आतंकवाद के खिलाफ उसकी निर्णायक कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत को प्रमुखता से रेखांकित करें।
इस अभियान के तहत यह भी सुनिश्चित किया गया है कि राजनीतिक मतभेदों से परे जाकर, भारत की छवि को एकजुट रूप से प्रस्तुत किया जाए। केंद्र सरकार का मानना है कि यह समय राष्ट्रीय एकता और वैश्विक संवाद को मजबूत करने का है।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर देश के भीतर और बाहर प्रतिक्रियाएं आई हैं। ऐसे में इन प्रतिनिधिमंडलों की भूमिका अहम मानी जा रही है ताकि भारत के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल सके।
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह पहल केवल कूटनीतिक मोर्चे तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें रणनीतिक और आर्थिक पहलुओं को भी जोड़ा जाएगा, ताकि आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम को बहुपक्षीय समर्थन प्राप्त हो सके।