नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने 20 जुलाई 2025 को पश्चिमी मीडिया की उन खबरों की कड़ी निंदा की, जिनमें अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच को लेकर अनुमान आधारित और स्वार्थी कवरेज का दावा किया गया। नायडू ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की तारीफ करते हुए कहा कि इसने क्षतिग्रस्त ब्लैक बॉक्स को भारत में ही डीकोड करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की, जो पहले विदेश भेजा जाता था। उन्होंने कहा, “मैं AAIB पर विश्वास करता हूं। उन्होंने ब्लैक बॉक्स को भारत में डीकोड करने का शानदार काम किया है।”
एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (उड़ान AI171) अहमदाबाद से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 260 लोग मारे गए, जिनमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्य और 19 जमीन पर मौजूद लोग शामिल थे। AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट (12 जुलाई) में खुलासा हुआ कि दोनों इंजनों के ईंधन कटऑफ स्विच टेकऑफ के बाद ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए, जिससे इंजनों को ईंधन आपूर्ति रुक गई। कॉकपिट में पायलटों के बीच बातचीत में एक ने पूछा, “तुमने ईंधन क्यों बंद किया?” जिसका जवाब दूसरे ने दिया, “मैंने नहीं किया।” हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि यह गलती थी या जानबूझकर।
पश्चिमी मीडिया, खासकर वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दावा किया कि कप्तान सुमीत सभरवाल ने ईंधन स्विच बंद किए, जिसे AAIB और भारतीय पायलटों के संगठन (FIP) ने खारिज किया। FIP प्रमुख सीएस रंधावा ने कहा, “रिपोर्ट में कहीं नहीं कहा गया कि पायलट की गलती थी। हम इस तरह की गलत खबरों की निंदा करते हैं।” AAIB ने 17 जुलाई को अपील जारी कर कहा कि ऐसी “चुनिंदा और अपुष्ट” खबरें जांच की अखंडता को नुकसान पहुंचा सकती हैं और पीड़ितों के परिवारों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
नायडू ने जोर देकर कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने तक निष्कर्ष निकालना अनुचित है और सरकार सुरक्षा उपायों के लिए प्रतिबद्ध है। जांच में संभावित तोड़फोड़ सहित सभी पहलुओं की जांच हो रही है, जिसमें बोइंग, GE और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हैं। यह हादसा भारतीय उड्डयन इतिहास का सबसे घातक हादसों में से एक है, और AAIB की स्वदेशी डीकोडिंग क्षमता भारत की तकनीकी प्रगति को दर्शाती है।