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ज्ञानवापी मामला: सर्वेक्षण रिपोर्ट दाखिल करने में क्यों चाहिए ज्यादा वक्त? कोर्ट ने एएसआई से कारण बताने को कहा

वाराणसी जिला अदालत ने बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक...
ज्ञानवापी मामला: सर्वेक्षण रिपोर्ट दाखिल करने में क्यों चाहिए ज्यादा वक्त? कोर्ट ने एएसआई से कारण बताने को कहा

वाराणसी जिला अदालत ने बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अधिक समय मांगने का कारण बताने को कहा और मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार को तय कर दी। रिपोर्ट सौंपने के लिए तीन सप्ताह का समय और मांगने की एएसआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने एएसआई से पूछा कि वह इसके लिए और समय क्यों मांग रहा है और उसे सुनवाई की अगली तारीख पर इस बारे में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया।

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, अदालत ने दिल्ली में एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी से और समय की आवश्यकता का कारण बताने के लिए कहा, जिस पर एएसआई के वकील ने कहा कि वाराणसी में मौजूद अधिकारी इस कार्य को देख रहे हैं और वही अदालत को इस बारे में बताएंगे।

सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील मोहम्मद अखलाक ने एएसआई के बार-बार अतिरिक्त समय मांगने पर आपत्ति जताई।


भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जमा करने के लिए तीन सप्ताह का और समय मांगा था ।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया था कि वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सर्वेक्षण रिपोर्ट जमा करने के लिए एएसआई को 28 नवंबर तक का समय दिया था, लेकिन मंगलवार को एएसआई ने इसके लिए तीन सप्ताह का और समय मांगा।


एएसआई ने मंगलवार को दिए अपने आवेदन में कहा कि उसके विशेषज्ञ पुरातत्वविदों, पुरालेखविदों, सर्वेक्षणकर्ताओं, भूभौतिकी विशेषज्ञों आदि द्वारा एकत्र किए गए विभिन्न प्रकार के आंकड़ों को संग्रहीत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

यादव ने कहा कि विभिन्न विशेषज्ञों और विभिन्न उपकरणों से मिली जानकारी को आत्मसात करना एक कठिन और धीमी प्रक्रिया है तथा रिपोर्ट को पूरा करने और सर्वेक्षण रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में कुछ और समय लगेगा। इसलिए अदालत से सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के लिए एएसआई को और तीन सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया गया है।

उल्लेखनीय है कि जिला अदालत ने गत 21 जुलाई को एएसआई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर चार अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने को कहा था और 24 जुलाई को सर्वेक्षण शुरू होने के बाद, पहले उच्चतम न्यायालय और फिर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से तीन अगस्त तक काम रुका रहा। उसके बाद एएसआई ने सर्वेक्षण का काम पूरा करने के लिए चार हफ्ते का और वक्त मांगा था।

अदालत ने सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के लिए पांच अगस्त को चार हफ्ते का और समय दिया था। उसके बाद अदालत ने आठ सितंबर को एएसआई को सर्वे का काम पूरा करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया था।
अब मामले में अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी। एएसआई ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद किसी हिंदू मंदिर की संरचना पर किया गया था।

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