लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार दिखाई देने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर ने अपने मंत्रिमंडल के साथ इस्तीफा पत्र हरियाणा के राज्यपाल को सौंप दिया है। सूत्रों की माने तो सीएम खट्टर फिर से शाम 5 बजे फिर से शपथ ले सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में सीट-बंटवारे के समझौते पर पहुंचने में विफलता के बाद भाजपा और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के बीच संबंध खराब हो गए थे। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।
गौरतलब है कि भाजपा ने दावा किया कि उसके पास पर्याप्त संख्या है। सदन में भाजपा के पास 41 विधायक, साथ ही पांच निर्दलीय हैं, जिससे वह हरियाणा विधानसभा में 45 सीटों के आधे आंकड़े को पार कर गयी है। हालांकि खबर ये भी चल रही है कि राज्य बीजेपी प्रमुख नायब सिंह सैनी मनोहर लाल खट्टर की जगह ले सकते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने पहले मंगलवार को दावा किया था कि गठबंधन टूट गया है, लेकिन मनोहर लाल खट्टर सरकार का समर्थन करने वाले कुछ स्वतंत्र विधायक इसका अस्तित्व सुनिश्चित करेंगे। एक अन्य निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने कहा कि निर्दलीय विधायक भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के विधायक गोपाल कांडा ने पहले दावा किया था कि भाजपा और जेजेपी के बीच गठबंधन टूट गया है, लेकिन भाजपा अपने दम पर राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीत सकती है। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक हैं, उसे 5 निर्दलीय विधायकों और एचएलपी विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है।
बीजेपी और जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) दोनों के शीर्ष नेतृत्व ने अपने-अपने विधायकों की अलग-अलग बैठकें बुलाई हैं। इससे पहले मनोहर लाल खट्टर अपने आवास पर सभी बीजेपी मंत्रियों की बैठक लेंगे। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब सहित केंद्रीय भाजपा नेता बदलावों की निगरानी के लिए राज्य में हैं। बदलाव की प्रकृति स्पष्ट नहीं है, पार्टी के वरिष्ठ नेता चुप्पी साधे हुए हैं।