जननायक जनता पार्टी (जजपा) अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने बुधवार को कहा कि पिछले साढ़े चार साल में गठबंधन धर्म का पालन करने के लिये उनकी पार्टी ने पूरी ईमानदारी के साथ काम किया है और पार्टी कभी सत्ता की भूखी नहीं थी। चौटाला का यह बयान भाजपा के साथ जजपा का गठबंधन टूट जाने के एक दिन बाद आया है, जब पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया। चौटाला ने कहा कि देश में होने वाले आगामी आम चुनाव के लिये उनकी पार्टी ने हरियाणा में लोकसभा की दो सीटों की मांग की थी लेकिन भाजपा ने इसे खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘परसों (सोमवार को) मैं दिल्ली में ही था। (सीटों के बंटवारे को लेकर) दुष्यंत चौटाला ने भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा से मुलाकात की। हमने कहा कि हम दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने यह देने से इंकार कर दिया।’’चौटाला ने कहा कि उन्होंने दुष्यंत को वापस भाजपा नेतृत्व के पास भेजा और कहलवाया कि भाजपा अगर वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ा कर 5100 रुपये प्रति महीने करने का वादा पूरा करती है तो जजपा प्रदेश में एक भी लोकसभा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी और सभी दस सीटों पर उनका समर्थन करेगी ।
उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग सत्ता के भूखे नहीं हैं ।’’ उन्होंने कहा कि पिछले साढे चार साल में उनकी पार्टी गठबंधन धर्म का पालन करने के लिये पूरी ईमानदारी के साथ काम किया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटा कर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद नायब सिंह सैनी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सैनी ने खट्टर और उनकी कैबिनेट के नाटकीय ढंग से हुए इस्तीफे के कुछ घंटे बाद पांच अन्य मंत्रियों के साथ राजभवन में मुख्यमंत्री के पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।