मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को अवैध खनन मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का समन मिला तो विरोध जाहिर करने राज्य भर से बड़ी संख्या में झामुमो के कार्यकर्ता मोरहाबादी मैदान पहुंच गये। अनेक लोग बगल में मुख्यमंत्री आवास के करीब पहुंचे। तब छत्तीसगढ़ के रायपुर में आदिवासी महोत्सव में शामिल होने के लिए रवाना होने से पहले हेमन्त सोरेन बाहर निकले और अपने मन का भड़ास निकाला, केंद्र, भाजपा, केंद्रीय एजेंसियों और राज्यपाल पर निशाना साधा तो कार्यकर्ताओं को ललकारा भी।
हेमन्त सोरेन ने कहा कि बड़े षडयंत्र के तहत आज हमें न्योता दिया गया है कि यहां ईडी में हाजिरी लगायें। अजीब हालत है। अगर इतना बड़ा जुर्म किया है तो ऐसा करो आओ और हमें अरेस्ट करके दिखाओ। हमने किसकी हत्या की, कौन सा गुनाह किया है। समन क्यों भेजते हो अगर हमने गुनाह किया है तो पूछताछ क्यों करते हो सीधा अरेस्ट करके दिखाओ। फिर राज्य की जनता जवाब देगी। ये वीर भूमि है झारखंड वीरों की भूमि है हर कोने में हमारे इतिहास पुरुष खड़े हैं। आज हमें उस जजवा को फिर से कायम करना है। आज बड़ी मुश्किल से बीस सालों के बाद राज्य सरकार इस राज्य के विकास में लगी है। उन्हें यह खटकता है। चाहते हैं एन केन प्रकारेण इन्हें डरायें, कोर्ट कचहरी, ईडी सीबीआई का चेहरा दिखायें क्योंकि ये सामने तो नहीं आ सकते।
उन्होंने कहा कि सुनने में आया है कि ईडी और बीजेपी कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। क्या जरूरत आ पड़ी है। क्या डर लगता है झारखंडियों से। अभी तो हमने कुछ किया नहीं है। जब झारखंडी अपनी चीजों पर उतर आयेगा तो वो दिन दूर नहीं जब आप लोगों को यहां सिर छुपाने की जगह नहीं मिलेगी। आज इस राज्य की खनिज संपदा पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं यह बिल्कुल नहीं होने देंगे। केंद्र से हम जब पैसा मांगते हैं, राज्य सरकार का अधिकार मांगते हैं तो ये लोग पैसे के बदले सीबीआई, ईडी भेजते हैं इनके व्यापाी अरबों खरबों लूटकर जा रहे हैं कोई पूछने वाला नहीं। ये लोग शुद्ध रूप से व्यापारी हैं इनका चाल चरित्र किसी से छुपा नहीं है। ये देने वाले नहीं लेने वाले हैं। और हमलोग बांटने वालों में से हैं।
उन्होंने कहा, "आज जिस तरह से गुरूजी ने आंदोलनकारी साथियों ने अपना खून पसीना देकर राज्य दिया है इसे बचाने बढ़ाने का काम हमें देखना है। ये आपकी सरकार शिबू सोरेन ने लाकर दिया, हेमन्त सोरेन 1932 का खतियान देने जा रहा है। हेमन्त ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण भी देने जा रहा है। क्या बीस सालों में इन्हें याद नहीं आया। इन्हें भ्रम हो गया कि आदिवासी गरीब, मजदूर, कमजोर ये लोग नहीं लड़ सकते। क्रांतिकारी शहीदों की धरती है न भूले हैं न भूलने देंगे। मजबूती से इनके राजनीतिक षड़यंत्र का जवाब गांव से लेकर जिला और पूरे राज्य तक मजबूती के साथ देना है। भाजपा की ओर इशारा करते हुए हेमन्त ने कहा कि कल परसों ये धरना पर जाने वाले हैं, उनकी चुन चुन कर पहचान कीजिये कौन-कौन धरना पर जाता है। समय आने पर सबक सिखाने का काम करना है।"
उन्होंने आगे कहा कि हेमन्त सोरेन को घबराने की जरूरत नहीं है। जब इस राज्य की जनता का आशीर्वाद है तो हम किसी भी लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार हैं। अंजाम की चिंता नहीं करते। आज बहुत सारी लड़ाई लड़नी है। राजनीतिक रूप से, कानूनी रूप से और इनके षडयंत्र से भी। इन लोगों ने एन केन प्रकारेण अपने राजनीतिक एजेंडे को लागू करने के लिए जो हथियार बनायें हैं सीबीआई, ईडी स्वतंत्र एजेंसी है हमें भी मालूम है कितना स्वतंत्र है। इनकी पार्टी में कोई चला जाता है तो दूध का धुला हो जाता है बाकी सब गंदा। इनकी हर चाल को समझना है। हमें कोई चिंता नहीं आप आये हैं, स्पष्ट हो जाना चाहिए कि हम घबरा नहीं रहे हैं और तप के निकल रहे हैं। जब जब ऐसी परिस्थिति आती है झामुमो और मजबूती के साथ आगे बढ़ता है। जेल भरने का अभियान शुरू कर देंगे तो इतने लोग निकलेंगे कि जेल में जगह नहीं रहेगी। उन्हें लगता है हमलोग उपद्रव करते हैं। लेकिन अगर अधिकार छीनेगा तो उसे छोड़ेगा भी नहीं। संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल कर ये कितने दिनों तक अपनी रोटी सेकेंगे, कितने दिनों तक चलेंगे। अभी गुजरात में चुनाव होने वाला है, गुजरात के आदिवासी संभल जाओ एक भी सीट भाजपा को न जाये इसका संकल्प लो। इन लोगों ने आदिवासी, दलित को शोषण का जरिया समझ रखा है इन्हें जवाब देना है। 15 को स्थापना दिवस है सरकार पांच साल पूरा करेगी वादा करते हैं। स्थापना दिवस भव्य मनेगा राष्ट्रपति भी आ रही हैं। इनको मालूम है कि वर्तमान सरकार किस तरह से राज्य के लिए काम कर रही है जिसे रोकने का काम किया जा रहा है। हमारे कार्यकर्ताओं को पकड़ कर झूठे फर्जी केस में डाल रखा है वह भी दूध का दूध पानी का पानी होने जा रहा है। वे बताना चाहते हैं कि सोनिया को बुला सकते हैं राहुल को बुला सकते हैं तो हमारी ताकत यह है कि मुख्यमंत्री को भी बुला सकते हैं। चुनौती देते हैं हमसे इन्क्वायरी मत करो गिरफ्तार करके दिखाओ। हमने कौन सा गुनाह किया है। पूछताछ का मतलब क्या होता है। अगर आपको पता है कि गुनहगार मैं हूं।
राज्यपाल की खिंचाई करते हुए उन्होंने कहा कि गवर्नर साहब जो लिफाफा लेकर घूम रहे हैं, देश का मैं पहला मुख्यमंत्री होउंगा जो कहा चुनाव आयोग ने जो सजा दी है सुना दें मगर आज तक उनका लिफाफा खुल नहीं रहा है। ये सब षडयंत्र का हिस्सा है। ये लोग बड़े सीरिस तरीके से अपने षडयंत्र को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जब नीयत साफ हो तो ऊपर वाला भी साफ देता है। नीयत खाम तो ऊपर वाला भी साथ नहीं देता। नतीजा है कि कई बार सरकार गिराने की साजिश हुई मगर उन्हें मुंह की खानी पड़ी। तैयार रहें अपनी राजनीतिक लड़ाई के लिए, अपने क्षेत्रों में जाइये। नारा लगवाया जय झारखंड, लड़ के लिया झारखंड, लड़ के लेंगे अधिकार।
इसके पहले हेमन्त ने कहा अचानक राज्य में जो उत्पन्न परिस्थिति है इस परिस्थिति की चिंता को लेकर राज्य के अंदर अहोबहो की स्थिति बनाने और गठबंधन की सरकार को अस्थिर करने की साजिश हो रही है। पहले से ही अनुमानित था। सरकार बनने के बाद से ही षडयंत्र रचना प्रारंभ हुआ था। कई बार हमारे विरोधियों ने अपने षडयंत्रकारी चाल को अंजाम देने का प्रयास किया और हरबार उन्हें मुंह की खानी पड़ी। सरकार जिस तरीके से कोरोना से लेकर सूखा और जिस तरीके से आज गांव-गांव मे किसान गरीब मजदूर मूलवासी आदिवासी के बीच में सरकार आपके द्वार के तहत अधिकार उन तक पहुंचा रही है इससे विपक्ष में जबरदस्त खलबली मची हुई है। एन केन प्रकारेण वे अपने षडयंत्र को अंजाम देने में लगे हैं। झारखंड खनिज संपदा प्रदेश है जहां कोयला है लोहा है अबरख यूरेनियम है सोना है चांदी है अनेक ऐसे महत्वपूर्ण खनिज संपदा हैं और आज तक उन खनिजों में हमारे विपक्षी को कोई भ्रष्टाचार नजर नहीं आया था। आज भ्रष्टाचार नजर आ रहा है तो बालू और गिट्टी में दिख रहा है। उन कोयला लोहा में भ्रष्टाचार इसलिए नजर नहीं आता कि सारे का खनन भारत सरकार करती है। आज बीस सालों में इन लोगों ने जो पाप किया है जिस तरह से खनिज संपदा का बंदरबांट किया है अपना पाप का ठीकरा इस सरकार पर फोड़ने का काम किया जा रहा है। इनके एक एक मंसूबे को हम नकार रहे हैं आप तैयार रहें। इस राज्य को लड़कर लिया है इनके षडयंत्र को भी लड़कर बेनकाब करेंगे। आज जिस तरीके से राज्य का विकास की गति रफ्तार ले रही है इन लोगों ने इस राज्य के गरीबों, बुजुर्गो, विधवा, मजदूरों का जिस तरह से शोषण किया है किसी से छुपा नहीं है। आने वाले समय में इस राज्य का बुजुर्ग, मजदूर, नौजवान, किसान मुंहतोड़ जवाब देगा। झामुमो एक आंदोलनकारी पार्टी है और इन लोगों ने हमेशा से इस पार्टी को हमेशा से यहां के आदिवासी को दलितों को पिछड़ों को बदनाम करने का काम किया है ये कभी नहीं चाहते कि यहां के
उन्होंने कहा कि आदिवासी, दलित पिछड़ा से चिढ़ है येसामंती सोच वाले लोग हमेशा दबाया है। आज जब ये लोग अपनी ताकत का एहसास करा रहे हैं राजनीतिक सामाजिक शैक्षणिक रूप से यह समाज आगे बढ़ रहा है तो इस समाज को कैसे कुचलें, कभी सीबीआई का बहाना लेते हैं कभी ईडी का बहाना लेते हैं कभी कोर्ट कचहरी को लेकर आगे बढ़ते हैं। आजकल इस राज्य में कुछ बाहरी लोगों का गिरोह सक्रिय हो चुका है जो यहां के मूलवासी आदिवासी को अपने पैरों पर खड़ा नहीं होने देना चाहता। हमने उन गिरोहों की पहचान कर ली है और एक एक को जवाब दे रहे हैं। अब इस राज्य में बाहरियों का नहीं झारखंडियों का चलेगा। उन्हें एक लाइन से सबक सिखायेंगे। आज ये लोग जाति और जांच के नाम पर सरकारी कार्यपालिका में संदेश देना चाहते हैं, सरकार बनने के बाद से ही रोज इनकी सरकार बन रही है रोज इनका मुख्यमंत्री बन रहा है। चार-चार उप चुनाव हुए सभी में इन्हें औंधे मुंह की खानी पड़ी। वह दिन भी दूर नहीं है जब लोकसभा और विधानसभा में भाजपा का सूपड़ा साफ करने का काम करना पड़ेगा। तैयार कीजिये, गांव-गांव के लोगों को संदेश देने का काम कीजिए कि ये लोग राज्य और यहां के मूलवासी आदिवासी को किस तरह बदनाम करने में लगे हैं। आप देख रहे हैं राज्य में उल्लास का माहौल है शिविर लग रहे हैं लोगों को अधिकार मिल रहा है। बीस साल में एक भी आदिवासी दिवस नहीं मना। वर्तमान सरकार ने दो दिवसीय आदिवासी दिवस मना आदिवासियों की पहचान बनाने का काम किया।