रांची जमीन घोटाला और इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिं मामले में ईडी की छह घंटे पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। झामुमो के वरिष्ठ विधायक को गठबंधन दल के विधायकों ने अपना नेता चुन लिया है। बुधवार की रात्र मुख्यमंत्री आवाज में जमे सत्ताधारी दल के विधायक एक साथ तीन वाहनों पर सवार होकर राजभवन पहुंचे। मगर उनकी गाडि़यों को राजभवन के बाहर ही रोक दिया गया। पीछे से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कारकेड राजभवन पहुंचा।
राजभवन पहुंचकर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंपा। जिसे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने स्वीकार कर लिया। मुख्यमंत्री के साथ पीछे ईडी की टीम भी राजभवन पहुंची। इधर झामुमो से राज्यसभा सदस्य महुआ माजी ने कहा कि अब हेमंत सोरेन ईडी की कस्टडी में हैं। सूत्रों के अनुसार हेमंत सोरेन के लिए कैंप जेल बनाया जा रहा है। वहीं गठबंधन दल के विधायक राज्यपाल से मिलने का इंतजार करते रहे, फिर वापस मुख्यमंत्री आवास लौट गये।
दूसरी तरफ, गठबंधन दल के नए नेता चंपई सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। हेमंत सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहे कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम चंपई सोरेन के साथ बाहर निकलते हुए कहा कि हमारा दावा सही हमारे साथ 45 सदस्य हैं। जहां कहें हम बहुमत साबित कर सकते है। तत्काल 43 विधायक बाहर खड़े हैं। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने कहा कि उनका पत्र मिला है जल्द उन्हें आमंत्रित किया जाएगा।
यही नहीं, जमीन घोटाला और उससे जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में घंटों पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। अब उन्हें रांची के हिनू स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय ले जाया गया। हेमंत की रात में ईडी ऑफिस में गुजरेगी। कल अदालत में पेश किया जाएगा। ईडी पूछताछ केलिए रिमांड केलिए अदालत से अनुरोध कर सकती है। इधर सुरक्षा कारणों से अगले आदेश तक ईडी कार्यालय के पास 144 का अवधि विस्तार कर दिया गया है, सुरक्षा बढ़ा दी गई है। देखते ही देखते तस्वीर बदल गई। ईडी की लंबी पूछताछ के बाद राजभवन जाकर उन्होंने राज्यपाल को अपना स्टीफा सौंप दिया और पूर्व मुख्यमंत्री हो गए। उनके राजभवन जाने के दौरान ईडी की टीम भी पीछे पीछे पहुंची थी। क्षण भर में मुख्यमंत्री से पूर्व मुख्यमंत्री हुए फिर गिरफ्तार कर लिए गए। अपनी गिरफ्तारी का अंदेशा लगता है उन्हें हो चुका था इसलिए गठबंधन दल की बैठक कर चंपई सोरेन को गठबंधन दल का नेता चुन लिया। बता दें कि रांची जमीन घोटाला मामले में राची के पूर्व डीसी आईएएस अधिकारी छविरंजन सहित 14 लोग जेल में हैं।
कल से चल रहे घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का नाम हेमंत के विकल्प के रूप में चर्चा होती रही। जिसका खुद हेमंत सोरेन की भाभी ने खुलकर विरोध कर दिया था। जानकार मानते हैं कि पार्टी में किसी विरोध को टालने के लिए झामुमो के वरिष्ठ विधायक और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के करीबी माने जाने वाले मंत्री चंपई सोरेन को गठबंधन दल का नेता चुने जाने पर सहमति बनी। चंपई सोरेन सरायकेला से विधायक हैं। अभी अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण के कैबिनेट मंत्री हैं।
राजभवन परिसर में भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि आम सहमति के बाद चंपई सोरेन को नेता चुना गया। विनोद पांडेय ने कहा कि हम सभी राजभवन पहुंचे थे मगर पांच लोगों के शिष्टमंडल को राज्यपाल ने बुलाया। इसके पहले ईडी की पूछताछ के बीच मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक सहित बड़े पुलिस प्रशासनिक अधिकारी सीएम आवास पहुंचे तो अचानक गतिविधियां तेज होती दिखीं।
गठबंधन के नेताओं ने राजभवन को फैक्स कर राज्यपाल से मिलने का समय मांगा था। महागठबंधन राज्यपाल को बताना चाहता है कि उसके पस सरकार चलाने के लिए बहुमत है और उन लोगों ने चंपई सोरेन को नेता चुन लिया है। अब राजभवन से स्पष्ट होना है कि विधायकों का फ्लोर टेस्ट कब होगा और मुख्यमंत्री के रूप में चंपई सोरेन को कब शपथ दिलाई जायेगी।