हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर पाबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि स्कूल यूनिफॉर्म का प्रिस्क्रिप्शन एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकता है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के इस इस निर्णय के आने बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया आने लगे हैं। ट्विटर पर अंकुर पुंडीर लिखते हैं, "बच्चों को राजनीति से दूर रखे, उनकी पढाई पर जोर दें।"
वहीं, जसवंत सिंह नाम के एक यूजर लिखते हैं कि देश में भीड़तंत्र से कानून नहीं बदला जा सकता। हमारा संविधान सबसे ऊपर है। कपिल चौहान ने लिखा कि समानता तुष्टिकरण के ऊपर जीत गई। सुबह-सुबह मुझे यह निर्णय सुनकर खुशी हुई।
सोशल मीडिया पर अपने विचार लोगों ने कई तरह दिए। एडवोकेट अनुभा श्रीवास्तव लिखती हैं, "स्कूल हो या कोई अन्य संस्थान, हर जगह उक्त संस्थान को वर्दी निर्धारित करने का अधिकार है।"
हाईकोर्ट द्वारा हिजाब विवाद पर यह निर्णय देने के बाद राज्यभर में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। हासन, कोप्पल, बेलगांव, गडग, शिवामोगा, चिक्कबल्लापुर, बेंगलुरु और धारवाड़ जैसे जगहों पर धारा 144 लागू कर दी गई है। यही नहीं, बेंगलुरु में कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी के निवास के बाहर सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ाई गई है।