असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बयान को ‘‘आक्रामक एवं अत्यधिक निंदनीय’’ बताते हुए, ‘चिकन नेक’ को दरकिनार कर पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने के लिए वैकल्पिक मार्गों की खोज को प्राथमिकता दिए जाने का मंगलवार को आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मोहम्मद यूनुस के ऐसे भड़काऊ बयानों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि ये (बयान) गहन रणनीतिक विचारों और दीर्घकालिक एजेंडे को दर्शाते हैं।’’ यूनुस ने कहा था, ‘‘भारत के पूर्वी क्षेत्र के सात राज्यों को ‘सात बहनें’ (सेवेन सिस्टर्स) कहा जाता है। वे चारों ओर से जमीन से घिरे क्षेत्र हैं। उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।’’
युनूस ने यह बयान चीन की अपनी हालिया चार दिवसीय यात्रा के दौरान दिया। इसका एक वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर सामने आया। शर्मा ने कहा कि यह टिप्पणी ‘‘भारत के रणनीतिक ‘चिकन नेक’ गलियारे से लगातार जुड़ी कमजोरी की बात’’ को रेखांकित करती है।
शर्मा ने पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने वाले वैकल्पिक सड़क मार्गों की तलाश को प्राथमिकता देने का आह्वान किया, ताकि 'चिकन नेक' संबंधी समस्याओं से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐतिहासिक रूप से, भारत के आंतरिक तत्वों ने भी पूर्वोत्तर को मुख्य भूमि से भौतिक रूप से अलग-थलग करने के लिए इस महत्वपूर्ण मार्ग को काटने का खतरनाक सुझाव दिया है, इसलिए ‘चिकन नेक’ गलियारे के नीचे एवं उसके आस-पास और भी मजबूत रेलवे और सड़क नेटवर्क विकसित करना जरूरी है।’’
उन्होंने कहा कि इससे इंजीनियरिंग संबंधी बड़ी चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं लेकिन ‘‘दृढ़ संकल्प और नवोन्मेष’’ के साथ यह संभव है। रणनीतिक रूप से अहम ‘सिलीगुड़ी गलियारे’ को इसके आकार के कारण 'चिकन नेक' कहा जाता है। यह पश्चिम बंगाल के उत्तर में स्थित भूमि की एक पट्टी है, जिसकी चौड़ाई 20 किलोमीटर से थोड़ी अधिक है। पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने वाली यह संकरी पट्टी नेपाल और बांग्लादेश के बीच में है तथा भूटान और चीन इससे ज्यादा दूर नहीं हैं।