Advertisement

अस्पतालों के आंकड़े: कोविड-19 की दूसरी लहर अधिक संक्रामक, लेकिन खतरा कम

देश भर के 34 अस्पतालों से प्राप्त डाटा बताते हैं कि 1,100 कोविड -19 मरीजों में से 70 प्रतिशत मरीज 50 से अधिक आयु...
अस्पतालों के आंकड़े: कोविड-19 की दूसरी लहर अधिक संक्रामक, लेकिन खतरा कम

देश भर के 34 अस्पतालों से प्राप्त डाटा बताते हैं कि 1,100 कोविड -19 मरीजों में से 70 प्रतिशत मरीज 50 से अधिक आयु वर्ग के हैं। इन अस्पताल में भर्ती मरीजों में 30 से 40 प्रतिशत के बीच 60 से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिक हैं।

आउटलुक ने देश भर के फोर्टिस हॉस्पिटल की 28 शाखाओं, हैदराबाद में यशोदा अस्पताल की तीन शाखाओं, मुंबई में मसिना अस्पताल, सैफी अस्पताल और गुरुग्राम में आर्टेमिस अस्पताल से मरीजों का डेटा एक्सेस किया है।

इन अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की उम्र में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं है जो पिछले साल सितंबर में पहली लहर के दौरान आए थे। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि समय के साथ वायरस कमजोर हो गया है। जिससे मरीज तेजी से ठीक होते जा रहे हैं।

फोर्टिस हेल्थकेयर के समूह प्रमुख डॉ विष्णु पाणिग्रही का कहना है कि पहली लहर में 50 प्रतिशत अस्पताल में मरीजों को आईसीयू में रखा गया था, लेकिन दूसरी लहर के दौरान यह संख्या बहुत कम हो गई है।

फोर्टिस हॉस्पिटल की 28 शाखाओं और डॉ पाणिग्रही के अनुसार 5 अप्रैल को 851 मरीजों को भर्ती कराया गया था जिसमें 78 प्रतिशत 45 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज थे।

सैफी अस्पताल के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कुल 107 रोगियों में से 50 प्रतिशत हमारे अस्पताल में 60 की उम्र से ऊपर हैं।

यशोदा हॉस्पिटल्स ग्रुप, हैदराबाद के निदेशक, चिकित्सा सेवाएं डॉ लिंगैया अमायडाला कहते हैं कि पहले लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती होने की अवधि लंबी थी, लेकिन इस बार अस्पताल में रहने की अवधि इतनी लंबी नहीं है। अस्पताल में भर्ती होने की औसत अवधि 4-5 दिन है।

एनआईटीआई अयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने 7 अप्रैल को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि देखा गया है कि कोविड-19 संक्रमण कुछ दिनों बाद एक मरीजे के लिए घातक साबित होता है, इसलिए यह कहना जल्दबाजी होगी कि दूसरी लहर मामूली है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के तहत एक सरकारी अनुसंधान निकाय, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के निदेशक डॉ मनोज वी मुढ़ेकर का भी डॉ वीके पॉल की बातों से सहमत है।

कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह भी शिकायत करते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय रोज सक्रिय मामलों और मृत्यु के आंकड़ों को जारी करता है, लेकिन यह दैनिक सक्रिय ममलों या मरने वाले मरीजों के आंकड़े उम्र के हिसाब से नहीं आते हैं।

एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ चिकित्सक का कहना है कि, यदि हम दैनिक सक्रिय रोगियों, अस्पताल में भर्ती मरीजों और मृत रोगियों की आयु प्राप्त करते हैं, तो दूसरी लहर की गंभीरता के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचना आसान होगा।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad