पहलगाम हमले में शामिल सभी आतंकियों को ऑपरेशन महादेव में मार गिराया गया है. आज गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकियों के पास से जिन हथियारों को जब्त किया गया है वो सभी पहलगाम हमले में इस्तेमाल किये गए थे. इसकी पुष्टि फोरेंसिक जांच के बाद हुई है.
पहलगाम हमले में एम-9 और एके-47 का इस्तेमाल किया गया था. इसके अलावा, इन आतंकियों को पनाह देने के आरोप में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उसने भी मारे गए आतंकियों के शवों की शिनाख्त कराई गई। मारे गए आतंकी ही पहलगाम हमले में शामिल थे। हालांकि, एक बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव को लॉच कैसे और क्यों किया? सेना को कौन सी खुफिया जानकारी मिली थी?
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि 22 मई को आईबी को एक खुफिया जानकारी मिली. इस जानकारी को सर्विलांस के जरिये और पुख्ता किया गया, जिसके बाद ऑपरेशन महादेव लांच हुआ. सूत्रों के मुताबिक, ये ख़ुफ़िया जानकारी सैटेलाईट फोन के जरिये मिली. सेना को शक हुआ कि पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान शाह दाचीगाम में छुपा हुआ है. नतीजन, जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और पैरा कमांडों ने ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया और 3 आतंकियों को मार गिराया. सभी आतंकी पाकिस्तानी मूल के थे.
फिलहाल, संसद में पहलगाम हमले के बाद भारत कि तरफ से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चर्चा है और केंद्र सरकार ने कहा अहै कि किसी भी तरह के क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पाकिस्तान को ये पता है कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है. आगे पाकिस्तान कोई भी हिमाकत करेगा तो उसे उसी कि भाषा मने जवाब दिया जाएगा.