अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की आपत्तियों के बावजूद पाकिस्तान को $1 बिलियन का बेलआउट पैकेज जारी किया है। IMF ने कहा है कि पाकिस्तान ने सभी आवश्यक आर्थिक लक्ष्यों को पूरा किया है, इसलिए यह सहायता दी गई है।
IMF की संचार निदेशक जूली कोज़ैक ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "हमारे बोर्ड ने पाया कि पाकिस्तान ने सभी निर्धारित लक्ष्यों को पूरा किया है और कई सुधारों में प्रगति की है। इसलिए बोर्ड ने सहायता जारी करने का निर्णय लिया।"
यह पैकेज सितंबर 2024 में शुरू हुए IMF के स्टैंडबाय अरेंजमेंट कार्यक्रम के तहत है, जिसके अंतर्गत पाकिस्तान को अब तक कुल $2.1 बिलियन मिल चुके हैं।
भारत ने IMF के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सहायता पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए अप्रत्यक्ष वित्तीय मदद देने जैसी है। भारत ने IMF की बोर्ड बैठक में यह मुद्दा उठाया और पाकिस्तान को दी जा रही मदद पर पुनर्विचार करने को कहा।
IMF ने यह सहायता 11 नई शर्तों के साथ दी है, जिनमें संसद की मंजूरी, बिजली पर अधिभार में वृद्धि और आयात पर लगे प्रतिबंधों को हटाना शामिल है।
भारत ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान इस मदद का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कर सकता है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
IMF के इस फैसले से भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में और तनाव आ सकता है, खासकर जब दोनों देशों के बीच पहले से ही संबंध तनावपूर्ण हैं।