कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर अपने भाई राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि यह तय करना न्यायाधीशों का काम नहीं है कि कौन "सच्चा" भारतीय है।
उन्होंने कहा कि उनके भाई सेना का बहुत सम्मान करते हैं और सेना के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहेंगे। प्रियंका ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता होने के नाते, राहुल गांधी सरकार से सवाल पूछने के लिए ज़िम्मेदार हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिसंबर 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सेना पर की गई टिप्पणी को लेकर लखनऊ की एक अदालत में गांधी के खिलाफ चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कांग्रेस नेता की आलोचना करते हुए कहा कि अगर वह "सच्चे भारतीय" हैं तो वह ऐसी बात नहीं कहेंगे।
अदालत की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर प्रियंका ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीशों के प्रति पूरा सम्मान रखते हुए, मैं कहूंगी कि वे यह तय नहीं करते कि कौन सच्चा भारतीय है। यह विपक्षी नेता का काम है। सवाल पूछना और सरकार को चुनौती देना उनका कर्तव्य है।"
वायनाड से सांसद ने कहा, "मेरा भाई सेना के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहेगा। वह सेना का बहुत सम्मान करता है। इसलिए यह (उसकी टिप्पणी की) गलत व्याख्या है।"
बाद में उन्होंने कहा, "न्यायपालिका के प्रति पूरे सम्मान के साथ यह तय करना उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है कि कौन सच्चा भारतीय है और कौन नहीं।"
उन्होंने आगे कहा, "न्यायाधीश इस पर फैसला नहीं कर सकते। राहुल जी ने हमेशा सेना, जवानों और अधिकारियों का सम्मान किया है। उनके सभी भाषणों और टिप्पणियों में यह सम्मान झलकता है। विपक्ष के नेता की ज़िम्मेदारी है कि वे सरकार से सवाल पूछें और वह इसे पूरा करते हैं।"
कांग्रेस महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी हर भारतीय के विचार हैं।
उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, "जब हम सदन के अंदर या बाहर सवाल पूछते हैं, तो वे (सरकार) जवाब नहीं देते। सवाल पूछने पर हमें राष्ट्र-विरोधी करार दिया जाता है। लेकिन हम सच्चे भारतीय हैं, जो जवाब मांगते हैं।"
भाजपा ने सोमवार को राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने "चीन को मज़बूत करने" की कसम खाई है। कांग्रेस ने जवाब में कहा कि गलवान की घटना के बाद से हर देशभक्त भारतीय के मन में सवाल थे, लेकिन सरकार ने "डीडीएलजे - इनकार, ध्यान भटकाना, झूठ बोलना और सही ठहराना" की अपनी नीति से सच्चाई को "ढकने" का रास्ता चुना।