प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने आज मन की बात के 87वें संस्करण में भारत की क्षमता की सराहना की और कहा कि इसकी ताकत का आधार देश के किसान, कारीगर, बुनकर, इंजीनियर, छोटे उद्यमी, एमएसएमई क्षेत्र और कई अलग-अलग व्यवसायों के लोग हैं।
उन्होंने कहा, "एक समय में भारत से निर्यात का आंकड़ा कभी 100-200 बिलियन तक हुआ करता था अब आज भारत 400 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, इसका मतलब ये है कि दुनियाभर में भारत में बनी चीज़ों की मांग बढ़ रही है और भारत की सप्लाई चेन दिनों-दिन और मजबूत हो रही है।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत इस वित्तीय वर्ष में 400 बिलियन अमरीकी डालर के अपने निर्यात लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है, जो यह दर्शाता है कि दुनिया भर में इसकी वस्तुओं की मांग बढ़ रही है।
उन्होंने अपने कार्यक्रम में स्वास्थ्य पर जोर देते हुए कहा, "हाल ही में हुए पद्म सम्मान समारोह में आपने बाबा शिवानंद जी को जरूर देखा होगा। 126 साल के बुजुर्ग की फुर्ती देखकर मेरी तरह हर कोई हैरान हो गया होगा और मैंने देखा पलक झपकते ही वो नंदी मुद्रा में प्रणाम करने लगे। मैंने भी बाबा शिवानंद जी को झुककर प्रणाम किया।"
पीएम ने कहा कि आयुष उद्योग का बाजार लगातार बड़ा हो रहा है। छह साल पहले आयुर्वेद से जुड़ी दवाइयों का बाजार 22 हजार करोड़ रुपये के आसपास का था। आज आयुष विनिर्माण उद्योग एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच रही है।
उन्होंने आगे कहा कि हम 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाएंगे। आज पूरे विश्व में हेल्थ को लेकर भारतीय चिंतन चाहे वो योग हो या आयुर्वेद इसके प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। पिछले ही सप्ताह कतर में एक योग कार्यक्रम में 114 देशों के नागरिकों ने हिस्सा लेकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है।