भारत सरकार ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और निर्मम हत्या पर गहरा शोक और नाराजगी जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस घटना की निंदा करते हुए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कड़ी चेतावनी दी है।
जायसवाल ने एक्स पर लिखा, " हमने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और बेरहमी से की गई हत्या की घटना को गहरी चिंता और दुख के साथ संज्ञान में लिया है। यह हत्या अंतरिम सरकार के शासनकाल में हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे संगठित हमलों की श्रृंखला का ही हिस्सा प्रतीत होती है जबकि पूर्व की ऐसी घटनाओं के अपराधी आज भी बेखौफ घूम रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को बिना कोई बहाना बनाए या भेदभाव किए निभाए।
भावेश चंद्र रॉय को दिनाजपुर जिले के बिराल उपजिला में स्थित उनके घर से कथित रूप से अगवा कर लिया गया था। जिसके बाद उन्हें बेरहमी से पीट-पीटकर मार दिया गया। पुलिस ने शनिवार को इस घटना की पुष्टि की। बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद की बिराल शाखा में उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे।
इससे पहले भी बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले, मंदिरों में तोड़फोड़, जबरन धर्मांतरण और हिंसक हमलों की कई घटनाएं सामने आती रही हैं। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने संसद में बताया गया कि नवंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच बांग्लादेश में हिंदुओं पर 76 हमले हुए, जिसमें 23 हिंदुओं की मौत और 152 मंदिरों को नुकसान पहुंचा।
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा अगस्त 2024 में देश छोडने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों में वृद्धि हुई है। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार इन हमलों को रोकने में विफल रही है।