रूस की सेना अब यूक्रेन के अस्पतालों को भी टारगेट कर रही है। पिछले 22 दिनों से चल रहे इस युद्ध में रूसी सेना ने यूक्रेन के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्र को भी निशाना बनाया है और इन पर हुए कम से कम 43 हमलों में अभी तक 12 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 34 लोग इसमें घायल हैं। यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से दी गई है। इस युद्ध के कारण लाखों लोगों ने यूक्रेन से भागकर दूसरे देशों में शरण ले ली है। वहीं, कई लोगों की इस जंग में जान चली गई है।
यूक्रेन संकट को लेकर तमाम देश अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी यू्क्रेन में मानवीय स्थिति को लेकर चर्चा व्यक्त की है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से तत्काल युद्धविराम का आग्रह किया है।
We urge UNSC to work for immediate ceasefire & a political solution... This is the only life saving medicine we need right now. We call on all donors to fully fund the UN appeal to support humanitarian needs in #Ukraine: WHO Director-General Tedros Adhanom Ghebreyesus pic.twitter.com/C721mXzMX9
— ANI (@ANI) March 17, 2022
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनाम घेब्रेयसस ने कहा, हम यूएनएससी से तत्काल युद्धविराम और राजनीतिक समाधान के लिए काम करने का आग्रह करते हैं। यही एकमात्र जीवन रक्षक दवा है जिसकी हमें अभी आवश्यकता है। हम सभी दानदाताओं से संयुक्त राष्ट्र की अपील पर यूक्रेन में मानवीय जरूरतों का समर्थन करने के लिए फंड देने का आह्वान करते हैं।
घेब्रेयसस ने कहा, इस मामले में शांति ही एकमात्र समाधान है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप अफगानिस्तान में कुपोषण, खसरा जैसे अन्य संकटों पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा, सीरिया में लोगों को स्वास्थ्य सहायता की आवश्यकता है, जिनमें से आधे बच्चे हैं।
उन्होंने आगे कहा, हालांकि इस वक्त सबका ध्यान यूक्रेन पर है, पर मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अफगानिस्तान में कुपोषण, खसरा जैसे अन्य संकटों को भी नजरअंदाज ना किया जाए। सीरिया में भी स्वास्थ्य सहायता की आवश्यकता है। वहीं, यमन में दो करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सहायता की जरूरत है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि रूस की तरफ से यूक्रेन में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर किए गए कम से कम 43 हमलों में करीब 12 लोग मारे गए हैं और 34 लोग घायल हुए हैं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डा टेड्रोस अदनोम घेब्रेयिसस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी टिप्पणी में कहा, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर हमले अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन हैं। वे लोगों को तत्काल आवश्यक देखभाल सुविधाओं से वंचित करते हैं और पहले से ही तनावपूर्ण स्वास्थ्य प्रणालियों को तोड़ते हैं। यही हम यूक्रेन में देख रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं भी संघर्ष से बहुत प्रभावित हो रही हैं।
बता दें कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यूक्रेन में 15 मार्च तक युद्ध की वजह से 726 आम नागरिकों की मौत रूसी सेना के हमलों में हो चुकी है। इसमें 52 बच्चे शामिल हैं। हालांकि वास्तविक आंकड़े की बात करें तो 63 बच्चों समेत 1174 घायलों की संख्या समेत मारे जाने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक होने की आशंका है। रूसी सेना अब रिहायशी इमारतों, अस्पतालों को निशाना बना रही है।