उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में 42 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। इस दौरान अब तक 167 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। आर्म्स एक्ट के तहत 36 मामले दर्ज हुए हैं। अब तक हिरासत में लिए गए और गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 885 तक पहुंच चुकी है। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सांप्रदायिक हिंसा के मामलों की जांच करने के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया है।
एक अधिकारी ने बताया कि हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने 167 प्राथमिकी दर्ज की है और 885 लोगों को गिरफ्तार किया है या हिरासत में लिया है। उन्होंने बताया कि आर्म्स एक्ट के तहत 36 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी विभिन्न सोशल मीडिया वेबसाइट पर भड़काऊ पोस्ट लिखने के लिए 13 मामले दर्ज किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अवैध और आपत्तिजनक सामग्री का प्रसार करने के लिए कई सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर दिए गए हैं।
सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया को ऑनलाइन प्लेटफार्म का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने का परामर्श जारी किया गया है। सुरक्षाकर्मी फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं और स्थानीय लोगों का डर समाप्त करने के लिए रोज उनसे बातचीत कर रहे हैं। वे स्थानीय निवासियों से सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने तथा इस संबंध में पुलिस में शिकायत करने का अनुरोध कर रहे हैं।
एनएचआरसी ने किया फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन
एक अधिकारी के मुताबिक, 'एनएचआरसी ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हिंसा की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया है।' एनएचआरसी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली में और खास तौर पर नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में हिंसा का संज्ञान लिया है, जैसा कि मीडिया में रिपोर्ट किया गया है। बयान में आगे कहा गया है कि आयोग ने अपने डायरेक्टर जनरल (इन्वेस्टिगेशन) को निर्देश दिया था कि इन घटनाओं के कारण मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की मौके पर जांच करने के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम को तैनात करें।
‘हालात सामान्य होने का किया इंतजार’
एनएचआरसी ने अपने बयान में बताया है कि उसने हिंसा की अपनी ओर से जांच के लिए हालात सामान्य होने का इंतजार किया क्योंकि उस समय उसके अधिकारियों की सुरक्षा खतरे में होती। बयान में कहा गया है, 'टीम (फैक्ट फाइंडिंग टीम) नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के पुलिस कंट्रोल रूम का दौरा करेगी। प्रभावित लोगों और हिंसा में अपने जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात करेगी।'