समझा जाता है कि इन लोगों ने आराम करने का अपर्याप्त समय मिलने को लेकर बहुत सी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में देरी कराई थी। मामले की जांच भी की जा रही है। सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि उड़ान सेवाओं की एक सहायक महाप्रबंधक के हस्ताक्षर वाला इस आशय का आदेश पिछले शुक्रवार को जारी किया गया, हालांकि इसमें निलंबन का कोई कारण नहीं बताया गया है। 22 मई को जारी आदेश में कहा गया है, आपको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है, मामले की जांच चल रही है।
प्रमाणित स्थायी आदेश के प्रावधानों के तहत एक विस्तृत आरोप पत्र भी दिया जाएगा। एयर इंडिया के अधिकारियों ने बताया कि आराम कम समय मिलने का हवाला देते हुए उड़ानों में देरी कराने के चलते कर्मचारियों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है लेकिन चालक दल के सूत्रों ने दावा किया है कि इन विमान परिचारिकाओं ने नियमों का पालन किया था। विमानन नियामक डीजीसीए के आराम की अवधि संबंधी नियमों के मुताबिक, चालक दल का कोई सदस्य 24 घंटे की समयावधि में आराम का समय दिए बिना एक उड़ान के दौरान 11 घंटे से अधिक समय तक काम नहीं ले सकता।
सूत्र ने बताया कि नियम के अनुसार एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान के चालक दल के सदस्यों को किसी उड़ान से लौटने के बाद करीब 22 घंटे से कम समयावधि में काम पर नहीं लौटाया जा सकता। आराम के इन घंटों के दौरान या तो वह अपने घरेलू अड्डे पर रहेंगे या फिर किसी अन्य उस अड्डे पर ,जहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ान जाने वाली होगी। सूत्रों ने बताया कि जिन विमानों की उड़ानों में इन 17 विमान परिचारिकाओं के कारण कथित तौर पर देरी हुई उसमें दिल्ली से लंदन ,मिलान और रोम के अलावा जेद्दाह से कालीकट और कोच्चि की उड़ानें शामिल थीं।