जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दो कश्मीरी नेताओं को नजरबंदी से रिहा करने की घोषणा की। इसके अलावा दो अन्य को विधायक हॉस्टल से उनके घर स्थानांतरित किया जायेगा। रिहा किए नेता 110 दिनों से अधिक समय तक नजरबंद थे।
अधिकारियों ने बताया कि पीडीपी से दिलावर मीर और गुलाम हसन मीर गत पांच अगस्त से नजरबंद थे और 110 दिनों से अधिक की नजरबंदी के बाद नये केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन ने उन्हें रिहा कर दिया। रिहा किये गये ये लोग पूर्व विधायक हैं और अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाये जाने संबंधी केन्द्र के फैसले के दिन पांच अगस्त से इन लोगों को अपने-अपने आवासों पर नजरबंद किया गया था।
इन नेताओं को घर शिफ्ट किया जाएगा
अधिकारियों ने बताया कि पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर की विधानसभा में विधायक रहे अशरफ मीर और हाकीन यासीन को उनके घर स्थानांतरित किया जायेगा लेकिन वे नजरबंदी में रहेंगे। मीर और यासीन दोनों उन 34 राजनीतिक नेताओं में शामिल थे, जिन्हें श्रीनगर के सेंटूर होटल से स्थानांतरित किए जाने के बाद विधायक हॉस्टल में रखा गया था। मीर और यासीन दोनों उन 34 राजनीतिक नेताओं में शामिल थे, जिन्हें श्रीनगर के सेंटूर होटल से स्थानांतरित किए जाने के बाद एमएलए हॉस्टल में रखा गया था।
कुछ नेताओं को मिली थी कुछ घंचे के लिए घर जाने की अनुमति
इससे पहले, नए यूटी प्रशासन ने हिरासत में लिए गए कुछ राजनीतिक नेताओं को कुछ घंटों के लिए अपने घरों में जाने की अनुमति दी थी। अधिकारियों ने कहा कि इस बात की संभावना है कि उनके घरों में बंद किए गए कुछ राजनीतिक नेताओं को स्वास्थ्य आधार पर घाटी से बाहर जाने की अनुमति दी जा सकती है।
14 राजनीतिक बंदियों को भी किया शिफ्ट
अधिकारियों ने कहा कि चौदह राजनीतिक बंदियों को डल झील के किनारे स्थित होटल से एमएलए हॉस्टल में स्थानांतरित कर दिया गया। दरअसल, 18 नवंबर को श्रीनगर कठोर सर्दियों के चपेट में आ गया और होटल में हीटिंग की उचित व्यवस्था नहीं थी।
तीन पूर्व सीएम भी नजरबंद
गौरतलब है कि तीन पूर्व मुख्यमंत्री- फारूक अब्दुलल्लाह, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी नजरबंद हैं। जबकि फारूक अब्दुल्ला को 17 सितंबर को कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत अपने निवास तक सीमित है, वहीं उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को शहर के अलग-अलग स्थानों पर हिरासत में लिया गया है। महबूबा मुफ्ती को हाल ही में शहर में एक सरकारी आवास में ज़ाबेरवन रेंज की तलहटी में स्थित एक पर्यटक झोपड़ी से स्थानांतरित किया गया था।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    