महंगाई भत्ता डीए हर सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को साल में दो बार दिया जाता है। जनवरी और जुलाई के माह में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते की घोषणा करती रही है।
इससे पहले, सरकार ने इस साल की शुरुआत में महंगाई भत्ता मूल वेतन का 6 प्रतिशत बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया था। बाद में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से इसका विलय बेसिक सैलरी में कर दिया गया। डीए बढ़ोतरी जुलाई 2016 से बकाया थी इसलिए बढ़ा हुआ डीए जुलाई से ही लागू होगा।
साल में दो बार डीए की घोषणा होती है। साल में जनवरी और जुलाई महीने में केंद्र सरकार अपनेे कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की घोषणा करती रही है। लेकिन अक्टूबर का आधा महीना बीत जाने पर ऐलान न होने पर कर्मचारी संघों ने सरकार से जल्द से जल्द डीए बढ़ाने और दीपावली से पहले बकाया बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर करने की मांग की थी।
कर्मचारियों की सरकार से मांग है कि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के लागू होने के बाद महंगाई भत्ते को लेकर फॉर्मूले में भी बदलाव होना चाहिए। कर्मचारियों का तर्क है कि इससे पहले भी सभी वेतन आयोग की सिफारिशों में महंगाई भत्ते को लेकर फॉर्मूले में बदलाव होते रहे हैं।
वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने जुलाई के अंत में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने की घोषणा की है। सरकार से कर्मचारी संगठनों ने महंगाई भत्ते पर भी बात की थी। कर्मचारियों ने सरकार से इस साल का महंगाई भत्ता जल्द से जल्द घोषित करने और उसका पैसा खाते में जल्द से जल्द डालने का आग्रह किया था। कर्मचारियों का मानना था कि दीवाली से पहले यदि सरकार इसकी घोषणा कर देती तो कर्मचारियों और उनके परिवारों का पर्व अच्छेे ढंग से मनेगा।