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2015 में छह साल की सबसे कम नक्सल हिंसा

नक्‍सल प्रभावित राज्यों में पिछले साल हिंसा में खासी गिरावट आई और यह छह साल में सबसे कम नक्सली हिंसा थी।
2015 में छह साल की सबसे कम नक्सल हिंसा

नक्सल प्रभावित देश के 10 राज्यों - आंध्रप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में एक लाख अर्धसैनिक कर्मियों की तैनाती जारी है। वर्ष 2015 में माओवादियों ने हिंसा की 1,088 घटनाएं कीं और 226 लोगों की मौत हुई। 

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2010 में हिंसा की 2213 घटनाएं हुईं थीं जिनमें 1,005 लोगों की मौत हुई। इसी तरह 2011 में हिंसा की 1760 घटनाओं में 611 लोगों की मौत हुई थी। आंकड़ों के अनुसार 2014 में 10 राज्यों में माओवादी हिंसा की कुल 1,091 घटनाओं में 310 लोगों की मौत हुई थी।

2015 मेें नक्‍सली हिंसा में मारे गए 226 लोगों में से 168 लोग आम नागरिक थे जबकि 58 सुरक्षाकर्मी भी मारे गए। इस साल 89 माओवादी मारे गए जबकि 1668 गिरफ्तार हुए। इसी दौरान कुल 570 माओवादी सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण किया। एक साल पहले 2014 में नक्‍सली हिंसा में कुल 310 लोगों की मौत हुई थी। इनमें से 222 लोग आम नागरिक थे जबकि 88 सुरक्षाकर्मी थे। उस साल 63 माओवादी मारे गए जबकि 1696 गिरफ्तार हुए और 676 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था।

सुरक्षा बलों पर माओवादियों के हमले की घटनाओं में भी वर्ष 2015 के दौरान गिरावट आई। 2014 में इस तरह के 155 हमले हुए जबकि 2015 में इन हमलों की संख्‍या 118 रही। बहरहाल, इस दौरान विद्रोहियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं 2014 की 221 से बढ़ कर 2015 में 247 हो गईं। सुरक्षा बलों ने 2015 में नक्सलवादियों के पास से कुल 723 हथियार बरामद किए थे जबकि 2014 में 548 हथियार बरामद किए गए थे।

 

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