पश्चिम बंगाल में चक्रवात 'बुलबुल' की स्थिति रविवार को और गंभीर होने की संभावना है। इस दौरान घर, सड़कें, संचार और बिजली की सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं। इस मद्देनजर मछुआरों को अगले आदेश तक समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी गई है। वहीं अलग-अलग घटनाओं में एक की मौत और दो लोगों के घायल होने की खबर है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूबे की सीएम ममता बनर्जी से बातचीत की है।
रिपोर्ट के अनुसार, बुलबुल चक्रवात ने 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बंगाल को हिट किया था। इसके बाद प्रदेश के निचले इलाकों के तटीय गावों में रहने वाले तकरीबन एक लाख लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस तूफान की वजह से कोलकाता और आस-पास के छह तटवर्ती जिलों में शुक्रवार से ही तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है। तूफान की विभीषिका को देखते हुए राज्य के तटवर्ती इलाकों में स्थित पर्यटन केंद्रों को शुक्रवार शाम तक पर्यटकों से खाली करा लिया गया था। ममता बनर्जी ने राहत और बचाव कार्य की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को कंट्रोल रूम का दौरा किया था।
पीएम ने की ममता बनर्जी से बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तूफान बुलबुल के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
बुलबुल से भारी नुकसान
बुलबुल से बंगाल में अपना भारी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बशीरहाट में एक शख्स की जान चली गई। 7815 घरों को नुकसान हुआ है, वहीं 870 पेड़ जड़ से उखड़ गए। 950 फोन टॉवरों को नुकसान हुआ है। साउथ 24 परगना में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है।
क्या कहता है मौसम विभाग
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर अगले 6 घंटों तक समुद्री स्थिति खराब रहेगी। इसके बाद तूफान की स्थिति में सुधार होने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि रविवार सुबह साढ़े 5 बजे तक तूफान पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में केंद्रित रहा। इस दौरान इसकी रफ्तार कमजोर रही। विभाग ने अनुमान जताया है कि रविवार को बुलबुल तूफान पूर्व से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और अगले 6 घंटे में कमजोर होगा।