कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश की कुल आबादी का केवल 5 प्रतिशत लोगों को फिर से संक्रमित किया है जो वायरस की पहली लहर में संक्रमित हुए थे और ठीक हो गए थे।
ये खुलासा टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के तहत कोविड -19 कार्यकारी ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा ने हाल ही में आउटलुक को दिए अपने एक इंटरव्यू में किया था। जानकारों का कहना है कि वैश्विक तौर पर देखें तो फिर से कोरोना वायरस से संक्रमित हुई आबादी की कुल संख्या करीब एक फीसदी है।
हालांकि, ये भी कहना है कि दिल्ली और मुंबई जैसे कई शहरों में लोगों में दूसरी लहर के दौरान संक्रमण का प्रसार इतना अधिक रहा है कि तीसरी लहर में फिर से संक्रमित होने की संभावना नहीं है।
प्रसिद्ध महामारी वैज्ञानिक डॉ. जयप्रकाश मुलियाल ने कहा, "देश में पाए जाने वाले वायरस स्ट्रेन ने इतने लोगों को संक्रमित कर दिया है कि लोगों में जिस तरह से प्रतिरक्षा आई है, उससे तीसरी लहर असंभव है।" आगे उन्होंने कहा, "जब तक कोई बड़ा बदलाव वायरस में नहीं होता है या कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन नहीं सामने आता है तब तक तीसरी लहर की कोई संभावना नहीं है।"
इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (आईपीएचए) के अध्यक्ष डॉ संजय राय के साथ डॉ मुलियाल बताती हैं कि संक्रमण की किसी भी लहर में ये तीन चीजें खास तौर से अहम भूमिक निभाती है। डॉ. राय बताते हैं, “एक अतिसंवेदनशील होस्ट, वायरस और वातावरण एक वेब को तय करने के लिए, ये तीन कारक महत्वपूर्ण होते हैं। दूसरी लहर इसलिए आई क्योंकि न केवल वायरस ने अपना रूप बदला, बल्कि लोगों के आचरण भी इसके खिलाफ हो गएं।“
आगे डॉ. राय कहते हैं, “दिल्ली जैसे शहरों में एक सामान्य अध्ययन से पता चलता है कि कम से कम 70 प्रतिशत लोग पहले ही संक्रमित हो चुके हैं। ये आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है। ऐसी स्थिति में जब तक ये वायरस पूरी तरह से नया नहीं होगा, तीसरी लहर की संभावना नहीं है।“