मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव जीएस गंगवार ने बताया कि बिहार उच्च न्यायिक सेवा (संशोधन) नियमावली 2016 एवं बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा: :भर्ती) संशोधन नियमावली 2016 की स्वीकृति दी गई है।
उन्होंने बताया कि इस नियमावली में निहित आरक्षण के प्रावधानों के तहत बिहार उच्च न्यायिक सेवा जिला न्यायाधीश (प्रवेश बिंदू) और बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) के पद पर सीधी नियुक्ति में अत्यंत पिछडा वर्ग के लिए 21 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 12 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए एक प्रतिशत का प्रावधान है। सभी श्रेणियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत और दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए एक प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान होगा।
गंगवार ने बताया कि बिहार उच्च न्यायिक सेवा में वर्तमान में कोई आरक्षण नहीं है जबकि बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि गृह विभाग (सैनिक कल्याण निदेशालय) के अन्तर्गत युद्ध जैसी स्थिति में सीमा पर शहीद होने वाले सीमा सुरक्षा बल के बिहार निवासी कर्मियों के निकटतम आश्रितों को अनुग्रह अनुदान 5 लाख रुपये से बढाकर 11 लाख रुपये करने की स्वीकृति एवं उनके अंत्येष्टि पुलिस सम्मान के साथ करने की स्वीकृति दी गयी।
भाषा