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देश के आठ राज्यों में कोरोना के 90 फीसदी सक्रिय मामले, मंत्रियों के समूह ने दी जानकारी

देश के महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक और तेलंगाना सहित 8 राज्यों में, सक्रिय कोरोना वायरस...
देश के आठ राज्यों में कोरोना के 90 फीसदी सक्रिय मामले, मंत्रियों के समूह ने दी जानकारी

देश के महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक और तेलंगाना सहित 8 राज्यों में, सक्रिय कोरोना वायरस मामले लगभग 90 फीसदी और 49 जिलों से 80 फीसदी सक्रिय मामले सामने आए हैं। इसकी जानकारी मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने गुरुवार को कोरोना वायरस (कोविड-19) पर दी।

इसके अलावा, जीओएम को बताया गया कि 6 राज्यों- महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कोविड 19 और 32 जिलों में हुई मौतों का 86 फीसदी है और 80 प्रतिशत मौतों का हिस्सा जिलों में है। 

मंत्रालय ने कहा कि जीओएम ने गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में अपनी 18 वीं मीटिंग की, जिसमें बताया गया कि उच्च कोरोना घातक दर दिखाने वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया था।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा,  "इस बैठक में शामिल मंत्रियों और अधिकारियों को बताया गया कि दुनिया के 5 सबसे कोरोना प्रभावित देशों में 10 लाख की आबादी के लिहाज से भारत की स्थिति बेहतर है। 10 लाख की आबादी के हिसाब से भारत मे 538 कोरोना के मामले हैं जबकि इस दौरान 15 लोगों की जान गई है। दुनिया में ये औसत 1,453 का है और मौत का 68.7।"

इस दौरान कहा गया,  देश के भीतर, आठ राज्यों - महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात - में सक्रिय कोरोनो वायरस मामलों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है।

भारत में कोविड-19 हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर के संबंध में  ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स को जानकारी दी गयी कि देश मे 3,914 स्वास्थ्य सुविधाएं हैं जहां 3,77,737 आइसोलेशन बेड हैं. 39,820 आईसीयू बेड हैं। 1,42,415 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं। अब तक 213.55 लाख N95 मास्क, 120.94 लाख पीपीई किट और 612.57 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट बांटी जा चुकी है। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं हमारा फोकस कन्टेनमेंट और सर्विलांस पर होगा।

मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ, हमारा उद्देश्य प्रारंभिक पहचान और प्रभावी नैदानिक प्रबंधन द्वारा मामले की दर को और कम रखना है।" 

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