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खुदकुशी की जांच पर दिल्‍ली सरकार और पुलिस में ठनी

गजेंद्र की मौत की जांच सियासी दांव-पेच में उलझती जा रही है। दिल्‍ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उधर, दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हादसे की मजिस्‍ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। जिससे केंद्र और राज्‍य सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। दिल्‍ली पुलिस ने हादसे की जांच के जिला मजिस्‍ट्रेट के अधिकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। दूसरी तरफ पलटवार करते हुए नई दिल्‍ली के डीएम संजय सिंह ने पुलिस को सुबह 11 बजे तक मामले से जुड़े सभी दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर पुलिस के ख्‍ािलाफ ही कार्रवाई की जाएगी।
खुदकुशी की जांच पर दिल्‍ली सरकार और पुलिस में ठनी

इस तरह जंतर-मंतर पर किसान की खुदकुशी का मामला अब केजरीवाल बनाम केंद्र सरकार बनता जा रहा है। गजेंद्र की मौत के लिए आप के नेता दिल्‍ली पुलिस को जिम्‍मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि पुलिस की एफआईआर में आप के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर गजेंद्र को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। खुदकुशी की जांच के अधिकार पर दिल्‍ली पुलिस आयुक्‍त बीएस बस्‍सी का कहना है कि कानून में क्षेत्राधिकार बिल्‍कुल स्‍पष्‍ट है। गौरतलब है कि जिला मजिस्‍ट्रेट को पत्र लिखकर पुलिस ने मामले की जांच पर अपना हक जताया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर पुलिस और मजिस्‍ट्रेट की जांच के नतीजे विरोधाभासी हुए तब किसकी जांच को सही माना जाएगा?

 

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने रैली में तैनात इंस्पेक्टर एसएस यादव के बयान के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ गजेंद्र को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है। यादव के हवाले से एफआईआर में लिखा है कि जब स्टेज पर आम आदमी पार्टी के नेता भाषण दे रहे थे तब सामने बैठे लोग ताली बजा रहे हैं और पास स्थित पेड़ की ओर देख रहे थे। लोगों की हरकत को देखकर वह तुरंत पेड़ की तरफ बढ़ा। वहां देखा कि एक व्‍रूक्ति पेड़ चढ़ा हुआ है। यादव के मुताबिक, मामले की सूचना उन्‍होंने तुरंत वायरेस सेट से कंट्रोल रूम को दी। उसने ताली बजा रहे लोगों से पेड़ पर चढ़े व्‍यक्ति को नीचे उतारने के लिए सहयोग करने को कहा। लेकिन स्टेज पर बैठे नेताओं और आप कार्यकर्ताओं ने कोई सहयोग दिया।

 

पुलिस का यह भी आरोप है कि आप कार्यकर्ताओं ने इमर्जेंसी वाहन को मौके पर नहीं पहुंचने दिया। गजेंद्र ने अपने गमछे से गले में फंदा लगा रखा था और उस गमछे का दूसरा सिरा पेड़ पर डाल से बांध रखा था। बावजूद इसके आप के कार्यकर्ता और नेता उसे जोर-जोर से ताली बजाकर उकसाते रहे। दिल्ली के पुलिस आयुक्‍त बीएस बस्सी का कहना है कि उन्‍होंने रैली में भारी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना के मद्देनजर जंतर-मंतर के बजाय रामलीला मैदान में रैली करने को कहा था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में आप नेताओं के कॉल डिटेल और गजेंद्र से हुई बातचीत का ब्‍योरा तलाशा जा सकता है। 

 

एफआईआर आप के खिलाफ साजिश - आप

आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्‍वास ने गजेंद्र की मौत के मामले में दिल्‍ली पुलिस की एफआईआर को पार्टी के खिलाफ गहरी साजिश करार दिया है। विश्‍वास का कहना है कि मामले में दिल्‍ली पुलिस की भूमिका खुद सवालों के घेरे में है, वह अपनी जांच खुद कैसे करेगी? उन्‍होंने गृह मंत्री पर आप के खिलाफ दिल्‍ली पुलिस के इस्‍तेमाल की साजिश आरोप लगाया है। गौरतलब है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में दिए अपने बयान में भी आप के नेताओं पर निशान साधते हुए कहा कि रैली में मौजूद लोगों ने पुलिस को गजेंद्र को बचाने में सहयोग नहीं किया। 

 

 

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