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1993 मुंबई धमाके: अबू सलेम को उम्रकैद, दो अन्य दोषियों को फांसी की सजा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई ने पांच दोषियों में से तीन के लिए सजा-ए-मौत और दो के लिए उम्रकैद की सजा देने की मांग की थी।
1993 मुंबई धमाके: अबू सलेम को उम्रकैद, दो अन्य दोषियों को फांसी की सजा

1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में गुरुवार को मुंबई की विशेष टाडा अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई है। इस फैसले में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उस पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

 1993 Mumbai blasts case: TADA court sentences convict Abu Salem to life imprisonment pic.twitter.com/awaLBY9AWR

— ANI (@ANI) September 7, 2017

अबू सलेम के अलावा चार अन्य दोषियों की भी सजा पर फैसला आया है। इनमें ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को फांसी की सजा और रियाज सिद्दीकी को 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही करीमुल्लाह खान को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उस पर 2 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।

 1993 Mumbai blasts case: TADA court sentences convict Tahir Merchant to death, Riyaz Siddiqui sentenced to 10 years pic.twitter.com/LeIrqvVlS0

— ANI (@ANI) September 7, 2017

कोर्ट पांचों दोषियों को पहले ही दोषी ठहरा चुका था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई ने पांच दोषियों में से तीन के लिए सजा-ए-मौत और दो के लिए उम्रकैद की सजा देने की मांग की थी।

पांचों दोषी और उन्हें मिली सजा के बारे में जानें-

मुंबई में हुए 1993 के सीरियल बम धमाके केस में अबू सलेम, ताहिर मर्चेंट, फिरोज खान, करीमुल्लाह शेख और रियाज सिद्दीकी पर फैसला आया है।

अबू सलेम- उम्रकैद- 2 लाख रुपये का जुर्माना- सलेम पर आरोप था कि वह हथियारों का जखीरा लाने भरूच गया और उसके बाद उसने हथियार लाकर संजय दत्त को दिए जबकि बाकी के हथियार छुपा दिए थे। इसी से पूछताछ में रियाज सिद्दीक़ी, करीम शेख की जानकारी मिली।

रियाज सिद्दिकी- 10 साल की कैद- उसे जनवरी 2006 में गिरफ्तार किया गया था। इसने भरूच में अबू सलेम की गाड़ी की मदद की थी। मुंबई तक हथियार लाने के लिए इसने सलेम को पैसे दिए थे। 

करीमुल्लाह खान- उम्रकैद- 2 लाख रुपये का जुर्माना- करीमुल्लाह को अगस्त 2008 में गिरफ्तार किया गया था। वह साजिश की बैठक में शामिल था और उसने एक आरोपी को पाकिस्तान ट्रेनिंग के लिए भेजा। इसने हथियार भारत लाने में मदद की थी।

ताहिर मर्चेंट- फांसी की सजा- इसे जून 2010 में गिरफ्तार किया गया था। दुबई के दफ्तर में साजिश की मीटिंग हुई थी और कथित तौर पर ताहिर ने आरोपियों के दुबई में रहने का इंतजाम किया था। इसने ट्रेनिंग के लिए लोगों को पाकिस्तान भेजा।

फिरोज खान- फांसी की सजा- फिरोज को साजिश की धारा 120 बी, टाडा और हत्या के तहत दोषी पाया गया था। इसकी फरवरी में 2010 में गिरफ्तारी हुई थी। वह दाऊद के घर साजिश की बैठक में हुआ था। इसने विदेश से आए हथियार भारत में उतरवाए थे। धमाकों के बाद इसने हथियार और विस्फोटक नष्ट करवाए थे. 

क्या है मामला?

1993 में मुंबई में सीरियल बम धमाके हुए, जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस आतंकी हमले मामले में कुल 7 आरोपी थे इनमें माफिया डॉन अबु सलेम, मुस्तफा दोसा, मोहम्मद ताहिर मर्चेट, करीमुल्लाह खान, रियाज सिद्दीकी, अब्दुल कयूम और फिरोज अब्दुल राशिद खान शामिल हैं। इनमें से एक अब्दुल कयूम को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था और छह को दोषी पाया गया था। छह दोषियों में एक मुस्तफा दोसा की मौत हो चुकी है। आज पांच दोषियों की सजा पर फैसला आया है।

 

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