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आचार्य बालकृष्ण : 21 साल में 3500 रुपए से ढाई अरब डॉलर का सफर

1995 में पतंजलि का कंपनी के रुप मेंं पंजीयन कराने के लिए अधिकारियों ने बतौर शुल्‍क 13 हजार रुपए बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण से मांगे थे। उस वक्‍त इन दोनों के पास महज 3500 रुपए थे। किसी तरह दोस्‍तों से उधारी लेकर पंजीयन शुल्‍क चुकाया गया। आज 21 साल बाद पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण फोर्ब्‍स की सूची में भारत में 48 वें सबसे अमीर व्‍यक्ति हैं। इस सूची में यह नाम आश्चर्यजनक है। बालकृष्ण को 2.5 अरब डालर की संपत्ति के साथ सूची में स्‍थान दिया गया है।
आचार्य बालकृष्ण : 21 साल में 3500 रुपए से ढाई अरब डॉलर का सफर

पतंजलि आयुर्वेद की ऐसी बढ़ोतरी के पीछे बाबा रामदेव के साथ आचार्य बालकृष्ण का भी अहम याेगदान है। बालकृष्ण कहते हैं उनके लिए प्रायवेट जेट कोई मायने नहींं  रखता। वह आज भी चप्‍पल में घूमते हैं। आचार्य बालकृष्ण स्‍टार्ट अप बिजनेस के बारे में कुछ नहीं जानते। वह कहते हैं कि योग की देशी परंपरा काेे उन्‍होंने देश की जनता के सामने रखा है। लोगों ने योग और देशी चिकित्‍सा, जड़ी-बूटियों को हाथों-हाथ लिया। उल्‍लेखनीय है कि पतंजलि आयुर्वेद की कुल संपत्ति वर्तमान में 25 हजार करोड़ रूपए की है। 

बालकृष्ण 100 सबसे अमीर भारतीयों की फॉर्व्स सूची में शामिल हो गए हैं। उनके पास पतंजलि आयुर्वेद में 97 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उससे उनकी हैसियत 2.5 अरब डॉलर कीहै। फॉर्व्स ने कहा है, अच्छे राजनीतिक संबंधों वाले योग गुरू बाबा रामदेव के बचपन के दोस्त बालकृष्ण ने इस सूची में पदार्पण किया है। तेजी से बढ़ती उपभोक्ता सामान विनिर्माता बनाने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद में उनकी 97 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस कंपनी को दोनों ने मिलकर 2006 में शुरू किया था। पत्रिका ने कहा, करीब 7.8 करोड़ डॉलर की कमाई करने वाली पतंजलि हर्बल टूथपेस्ट और कॉस्मेटिक्स से लेकर नूडल्स और जैम सब कुछ बेचती है।

रामदेव कंपनी में किसी तरह के शेयर नहीं रखते हैं और वह कंपनी के वस्तुत: ब्रांड एंबेसडर हैं जबकि बालकृष्ण उसका परिचालन संभालते हैं। इसमें कहा गया है, इसके अलावा बालकृष्ण 5,000 पतंजलि स्वास्थ्य केंद्रों, पतंजलि विश्वविद्यालय एवं योग-आयुर्वेद शोध संस्थान को भी देखते हैं। उनका कहना है कि पतंजलि का लाभ विभिन्न न्यासों को दान कर दिया जाता है।

 

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