पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ़ ने कहा कि एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया और मानवता का ज़रा भी ख़्याल नहीं किया। उधर रक्षा मंत्रालय ने डीआईजी लोशाली को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। उनसे इस पूरे मामले पर जवाब मांगा गया है।
सरकार ने पहले दावा किया था कि घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी नौका के चालक दल ने स्वयं को विस्फोट कर उड़ा लिया था। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर सरकार के इस दावे पर कायम हैं और वे कहते हैं कि सरकार सबूत रखेगी।
एक अखबार ने लोशाली के बयान का जिक्र करते हुए इस पूरे मामले का खुलासा किया जिसमें कहा गया कि तटरक्षक बल के उपमहानिरीक्षक ने पोरबंदर तट के पास नौका उड़ाने का आदेश दिया था।
लोशाली बाद में अपने बयान से पलट गए तो अखबार ने लोशाली के वीडियो को अपलोड कर दिया। इसके बाद सरकार कटघरे में खड़ी हो गई। विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने मांग की कि सरकार इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
पार्टी ने डीआईजी को डराने-धमकाने के विरूद्ध सरकार को आगाह किया। आम आदमी पार्टी ने कहा कि विवाद ने दिखा दिया है कि सरकार कैसे काम कर रही है क्योंकि एक हाथ को नहीं मालूम कि दूसरा हाथ क्या कर रहा है।
रक्षा मंत्री अब इस पूरे मामले की जांच कराने की बात कर रहे हैं। संभव है कि २३ फरवरी से शुरू होने वाले संसद सत्र में भी यह मुद्दा गूंजेगा।
एजेंसी भाषा के मुताबिक लोशाली ने अब दूसरा राग अलापना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, जो कुछ हुआ, उससे मेरा कुछ लेना देना नहीं है। मुझे गलत रूप से उद्धृत किया गया। मैंने कहा था कि किसी भी राष्ट्र विरोधी तत्व को हमारी तटवर्ती सुरक्षा का उल्लंघन नहीं करने दिया जायेगा और हम उन्हें बिरयानी पेश नहीं करेंगे।