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अडानी समूह का हुआ लखनऊ एयरपोर्ट, 2 नवंबर से शुरू करेगा सेवाएं

देश में एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है ।निजी हाथों में चुनिंदा एयरपोर्ट को...
अडानी समूह का हुआ लखनऊ एयरपोर्ट, 2 नवंबर से शुरू करेगा सेवाएं

देश में एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है ।निजी हाथों में चुनिंदा एयरपोर्ट को दिया जा रहा है इसी कड़ी में लखनऊ का एयरपोर्ट जिसे चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता है अब वह निजी हाथों में जा रहा है। अडानी समूह लखनऊ के एयरपोर्ट को 2 नवंबर से संभालेगा।

यह निर्णय पहले हो चुका था और 2 नवंबर से अब एयरपोर्ट की कमान अडानी समूह में शामिल हो जाएगा।

निजी हाथों के प्रबंधन को लेकर के कुछ नियम बनाए गए हैं। जैसे कि शुरुआत के 3 सालों में  एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और निजी समूह के बीच समन्वय बनाते हुए यह हस्तांतरण होगा।

लखनऊ एयरपोर्ट की बात करें तो पहले साल एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के निदेशक साथ में डेढ़ सौ एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सीनियर एग्जीक्यूटिव और अडानी समूह का प्रबंधन रहेगा। इस प्रबंधन में प्रशासन से लेकर के वित्तीय मामलों की भी फैसले अडानी समूह ही लेगा। 

यह बताते चलें कि लखनऊ एयरपोर्ट  1986 में बनकर तैयार हुआ जो अमौसी एयरपोर्ट के नाम से बना। 2008 में एयरपोर्ट का नाम चौधरी चरण सिंह का नाम कर दिया गया। ट्रैफिक को व्यवस्थाओं को लेकर बात करें तो हर साल लगभग 50 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक  लगभग 160 से अधिक हवाई जहाजों का संचालन होता है।

एयरपोर्ट से अब एयरपोर्ट के अंदर क्या क्या बदलाव होगा निजी हाथों में जाने से उस पर बात करते हैं। निजी हाथों में एयरपोर्ट जाने से लखनऊ की बात करें तो अडानी समूह को 50 सालों के लिए इस एयरपोर्ट की कमान सौंपी गई है जो कि सोमवार से यह काम शुरू कर देंगे। माना जा रहा है कि निजी हाथों में एयरपोर्ट इसलिए भी दिया गया है कि रखरखाव और उसके विकास के काम को गति मिली।

जैसा कि लखनऊ एयरपोर्ट में निजी हाथों में जाने पर 1400 करोड़ के नए टर्मिनल बनेंगे ,टर्मिनल नंबर 3 का निर्माण होना है वही 8 एप्रन बनेंगे ,फायर फाइटिंग सिस्टम को भी बढ़ाया जाएगा अपग्रेड किया जाएगा ।

रनवे का विस्तार जो कि अभी 2700 मीटर है उसे 3500 मीटर किया जाएगा। सुविधाओं में समानांतर टैक्सी वे बनाने की योजना है। एयरपोर्ट की जो जमीन बाहर है  वहां पर मॉल होटल खोले जाएंगे और यह सभी सुविधाएं टर्मिनल बिल्डिंग के भी यात्रियो के लिए मुहैया होगी ।

आमतौर पर धारणा  है कि निजी हाथों में जाते ही कई ऐसे टैक्स होते हैं जो बढ़ा दिए जाते हैं ,पर लखनऊ एयरपोर्ट की बात करें तो कम से कम अभी यात्रियों को यह राहत की खबर है कि किसी तरीके का शुल्क बढ़ाया नहीं गया है और यह दिल्ली एयरपोर्ट की तर्ज पर ही सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी है।

इसी कड़ी में लखनऊ का एयरपोर्ट जिसे चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता है अब निजी हाथों में जा रहा है अडानी समूह लखनऊ के एयरपोर्ट को 2 नवंबर से संभालेगा ।

निजी हाथों के प्रबंधन  सीआईएसफ जिन की तैनाती केंद्र सरकार की तरफ से एयरपोर्ट पर की जाती है जो सुरक्षा के लिहाज से जवाबदेह होते हैं यात्रियों के आने जाने उनके बोर्डिंग पास चेक करने इस तरह की ड्यूटी उनकी रहती है जिससे एयरपोर्ट के अंदर और बाहर और हवाई जहाज के अंदर की सुरक्षा मजबूत रहे इन सब को अब अडानी समूह को ही रिपोर्ट करना होगा।

कुल मिलाकर के देश के चुनिंदा एयरपोर्ट जो कि निजी हाथों में गए हैं उसमें लखनऊ अब अडानी समूह संभालेगा और इस निजीकरण का विरोध कई मंचों पर हुआ था लेकिन इस बात के लिए केंद्र सरकार ने निजी हाथों में दिया है कि जिससे सरकार का घाटा कम हो ,मूलभूत सुविधाएं अच्छी हो। टर्मिनल्स पर उनको बड़ा करके इसे विकास की गति को बढ़ाया जा सके यात्रियों को सुविधाएं और अच्छे मिल सके। अब देखना होगा कि निजीकरण का यह प्रयोग लखनऊ के लिए और लखनऊ के वासियों के लिए कितना अच्छा होगा इसके लिए समय का इंतजार भी करना होगा।

 

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