Advertisement

इंतजार खत्म! दिल्ली-मुंबई में मानसून ने एक साथ दी दस्तक, 62 साल बाद पहली बार बना दुलर्भ संयोग

दिल्ली और मुंबई दोनों जगह रविवार को मॉनसून के आगमन के साथ बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी)...
इंतजार खत्म! दिल्ली-मुंबई में मानसून ने एक साथ दी दस्तक, 62 साल बाद पहली बार बना दुलर्भ संयोग

दिल्ली और मुंबई दोनों जगह रविवार को मॉनसून के आगमन के साथ बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में मॉनसून अपने तय समय से दो दिन पहले पहुंच गया जबकि मुंबई में यह दो हफ्ते की देरी से पहुंचा।

आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘दक्षिण पश्चिम मॉनसून मुंबई और दिल्ली की ओर आज (25 जून) को बढ़ा।’’

आईएमडी के अधिकारी के अनुसार, मॉनसून की शुरुआत धीमी रही लेकिन अब इसमें तेजी आ रही है और यह महाराष्ट्र, समूचे कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों और हरियाणा के कुछ हिस्सों समेत कई क्षेत्रों में पहुंच गया है।

आम तौर पर केरल में मॉनसून एक जून तक, मुंबई में 11 जून और राष्ट्रीय राजधानी में 27 जून तक पहुंच जाता है।

मॉनसून लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के बड़े हिस्से समेत उत्तर भारत में अधिकांश जगह तक तय समय या उससे थोड़ा पहले पहुंच गया है लेकिन मध्य भारत में यह अब भी तय समय से 10-12 दिन पीछे है, जहां अधिकांश किसान खेती के लिए बारिश पर निर्भर रहते हैं।

आमतौर पर मुंबई में दिल्ली से लगभग 15 दिन पहले मानसून पहुंचता है। मुंबई में सामान्य तौर पर मानसून की दस्तक 10 से 15 जून के बीच होती है, जबकि दिल्ली में मानसून पहुंचने की सामान्य तारीख 30 जून है। ऐसे में मुंबई में जहां मानसून लगभग 2 हफ्ते की देरी से पहुंचा है तो वहीं दिल्ली में मानसून की बारिश सामान्य तारीख से 5 दिन पहले ही हो गई है। 21 जून 1961 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब दिल्ली और मुंबई में एक ही दिन मानसून की एंट्री हुई है। साल 1961 में एक ही दिन पूरे देश में मानसून की एंट्री हुई थी, उसके बाद ऐसा अद्भुत संयोग 62 साल बाद हुआ है।

आईएमडी में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डी.एस. पाई ने बताया कि चक्रवात बिपारजॉय ने दक्षिण भारत और उससे सटे पश्चिम एवं देश के मध्य हिस्सों में मॉनसून की प्रगति पर असर डाला है।

हालांकि, पूर्वोत्तर एवं पूर्वी भारत में बारिश के लिए जिम्मेदार बंगाल की खाड़ी में मॉनसून 11 जून और 23 जून के बीच मजबूत बना रहा।

पाई ने कहा कि मध्य जून में निम्न दबाव क्षेत्र बनने और चक्रवात बिपारजॉय के असर से मॉनसून के पूर्वी भारत की दिशा में बढ़ने में मदद मिली। पाई ने कहा कि अरब सागर से उठने वाला मॉनसून अब गति पकड़ रहा है और बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र बन रहा है।

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा, ‘‘मॉनसून पूरे महाराष्ट्र और गुजरात एवं राजस्थान के कुछ हिस्सों में रविवार को छा सकता है।’’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad