शुक्रवार को वंजारा का स्वागत किसी नेता से कम नहीं था। जैसे ही वह एयरपोर्ट से बाहर आए तो फूलों के हार पहनाकर उनका स्वागत किया गया। एयरपोर्ट के बाहर जमा भीड़ भारत माता की जय के नारे लगाने लगी। भीड़ ने वंजारा की फोटो वाली टीशर्टस पहनी हुई थीं। अहमदाबाद पहुंचने पर वंजारा ने कहा ‘उनका स्वागत देश की पुलिस का स्वागत है। ये उनका स्वागत है जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वंजारा ने यह भी कहा कि मैं सिर्फ रिटायर हुआ था लेकिन थका बिल्कुल भी नहीं हूं।’ वंजारा ने यह भी कहा कि हम देश को आतंकवाद यहां तक कि चीन और पाकिस्तान से भी बचा सकते हैं लेकिन राष्ट्र विरोधी लोगों से भारत को बचाना मुश्किल है।
जमानत मिलने के बाद वंजारा पांच फरवरी 2014 को जेल से रिहा हुए थे लेकिन उनके गुजरात प्रवेश पर रोक थी। इसी महीने दो अप्रैल को उन्हें गुजरात आने की अनुमति दी गई थी। डीजी वंजारा 2002 से 2005 तक अहमदाबाद की अपराध शाखा के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस थे। वंजारा को 2007 में गुजरात सीआईडी ने गिरफ्तार किया था। उन पर आठ लोगों की हत्या का आरोप था। जिनमें सोहराबुद्दीन, उनकी पत्नी कौसर बी, तुलसीराम प्रजापति, सादिक जमाल, इशरत और उसके साथ मारे गए तीन अन्य लोग।