सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ को लेकर देशभर में जिस तरह से विरोध हो रहा है और कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुआ उसपर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने दुख जाहिर किया है। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया है कि वह प्रशिक्षित और सक्षम अग्निवीरों को भर्ती करेंगे। सोशल मीडिया के जरिये आनंद महिंद्रा ने इसकी जानकारी दी।
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करके लिखा, मैं अग्निपथ स्कीम को लेकर हो रही हिंसा को लेकर दुखी हूं। जब पिछले साल स्कीम का विचार सामने आया था तो मैंने कहा था कि अनुशासित और सक्षम अग्निवीरों को रोजगार के योग्य बनाएगा। महिंद्रा समूह ऐसे प्रशिक्षित, सक्षम युवाओं की भर्ती के अवसर का स्वागत करता है।
दरअसल, अग्निपथ भर्ती योजना के तहत युवाओं को सेना में 4 साल के लिए भर्ती किया जाएगा। इस योजना का ऐलान 14 जून को किया गया था। इस योजना के ऐलान के बाद से ही इसका भारी विरोध हो रहा है, युवा सड़ पर इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली, यूपी, बिहार, हरियाणा, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, पंजाब, झारखंड, असम में इस योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ। कुछ जगहों पर प्रदर्शन काफी उग्र हो गया, प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगा दी, बसों को फूंक दिया, कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया।
बता दें कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए प्रवेश आयु 17.5 से 21 वर्ष निर्धारित की गई थी। हालांकि, विरोध के बाद केंद्र सरकार ने अग्निवीरों की भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने की घोषणा की क्योंकि पिछले दो वर्षों के दौरान भर्ती करना संभव नहीं हो पाया था। सरकार का दावा है कि 'अग्निपथ' योजना युवाओं को रक्षा प्रणाली में शामिल होने और देश की सेवा करने का सुनहरा अवसर देती है। वहीं, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल अग्निपथ योजना की कड़ी आलोचना कर रहे हैं।
हालांकि सरकार का कहना है कि अग्निपथ योजना युवाओं के लिए सेना में भर्ती होने का सुनहरा अवसर है, वह सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर सकते हैं। लेकिन कांग्रेस इस भर्ती का विरोध कर रही है और इसकी आलोचना कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि इस भर्ती योजना में कई सारे जोखिम हैं, यह सेना की लंबे समय से चली आ रही परंपरा को खत्म करेगी, इस योजना के तहत इस बात की गारंटी नहीं होगी कि जो सैनिक इसके जरिए भर्ती किए जाएंगे वह बेहतर तरह से प्रशिक्षित किए जाएंगे और देश की सेवा के लिए प्रेरित होंगे। राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने इस योजना को वापस लेने की मांग की है।