नागरिकता संशोधन कानून पर पूर्वोत्तर में जारी हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पूर्वोत्तर में भाजपा की प्रमुख सहयोगियों में से एक असम गण परिषद ने पहले कानून का समर्थन किया था, लेकिन अब इसके विरोध का ऐलान किया है। असम गण परिषद (एजीपी) ने वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया है। पार्टी ने कहा है कि वो नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी।
पार्टी नेता कुमार दीपक दास ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी ने रविवार को कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करेगी जिसमें संशोधन किए गए नागरिकता अधिनियम को रद्द करने की प्रार्थना की जाएगी ।
उन्होंने कहा कि एजीपी ने आम लोगों की भावनाओं का सम्मान किया, जो इस बात से आशंकित हैं कि कानून उनकी पहचान और अस्तित्व को खतरे में डाल सकता है।
राज्यसभा के पूर्व सांसद दास ने कहा, "हम संशोधित कानून लाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाएंगे क्योंकि असम के स्थानीय लोग आशंकित हैं कि उनकी पहचान, भाषा खतरे में आ सकती है।"
आज शाम रवाना होगा प्रतिनिधिमंडल
सूत्रों ने कहा कि दास के नेतृत्व में एजीपी का एक प्रतिनिधिमंडल शाम को दिल्ली के लिए शीर्ष अदालत में याचिका दायर करने के लिए रवाना होगा।
पार्टी में नेताओं के बीच थे मतभेद
गौरतलब है कि असम गण परिषद ने संसद में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया था। इसके बाद पार्टी में दो फाड़ की खबरें आईं। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिय़ा। ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू) ने भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। आसू के प्रमुख सलाहकार समज्जुल भट्टाचार्य ने असम के लोगों से कथित ‘‘विश्वासघात'' करने के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं की निंदा की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
आज कर्फ्यू में ढील
नागरिकता कानून को लेकर सबसे ज्यादा और हिंसक प्रदर्शन देश के पूर्वोत्तर राज्यों में हो रहे हैं। हालांकि बीते दो दिन से यहां हालात बेहतर बताए जा रहे हैं। छिटपुट घटनाओं के अलावा गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, शिलांग सहित दूसरे संवेदनशील इलाकों में शांति हैं। गुवाहाटी और शिलांग में आज कर्फ्यू में फिर ढील जा रही है। इससे पहले कल दोनों जगहों पर परसों रात की शांति के मद्देनजर दिन में कर्फ्यू में ढील दी गई थी। डिब्रूगढ़ में आज सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। तीन दिन पहले गुवाहाटी में हिंसा में बड़े पैमाने पर आगजनी हुई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। जिसके बाद पुलिस की गोली से दो युवकों की मौत भी हुई।