Advertisement

अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सीबीआई ने पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा के खिलाफ दायर की सप्लिमेंटरी चार्जशीट

अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर मामले में सीबीआई ने पूर्व सीएजी और पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत...
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सीबीआई ने पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा के खिलाफ दायर की सप्लिमेंटरी चार्जशीट

अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर मामले में सीबीआई ने पूर्व सीएजी और पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा और वायुसेना के कई सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ सप्लिमेंटरी चार्जशीट दायर की है। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि सीबीआई को शशिकांत शर्मा के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मिली है।

सीबीआई ने 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में शर्मा के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। बता दें कि यह कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद से जुड़ा है।

सीबीआई ने शर्मा के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया, जो 2011 और 2013 के बीच नियंत्रक और महालेखा परीक्षक नियुक्त किए जाने से पहले रक्षा सचिव थे।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने तत्कालीन वायु सेना उप प्रमुख जसबीर सिंह पनेसर (अब सेवानिवृत्त), उप मुख्य परीक्षण पायलट एस ए कुंटे, तत्कालीन विंग कमांडर थॉमस मैथ्यू और ग्रुप कैप्टन एन संतोष का भी आरोपी के तौर पर नाम लिया है। कुंटे और संतोष एयर कमोडोर के पद से सेवानिवृत्त हुए। यह कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद से जुड़ा है।

बता दें कि इस मामले में 11 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने कहा कि आवेदन खारिज किया जाता है। अन्य आवेदन में भी यही आदेश है। इसके अलावा, सीबीआई ने तर्क दिया था कि समाज में जेम्स की कोई जड़ें नहीं हैं और उसे मामले में जमानत नहीं दी जा सकती है।

बता दें कि 3,600 करोड़ रुपये का कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद से संबंधित है। सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में अपनी रिहाई का अनुरोध करते हुए, जेम्स ने कहा था कि जांच के उद्देश्य के लिए उनकी आवश्यकता नहीं है और उन्होंने जांच में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की थी।

 

याचिकाओं में यह भी कहा गया कि आरोपी ने कभी भी कानून की प्रक्रिया से बचने की कोशिश नहीं की और उन्हें आगे हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। सीबीआई और ईडी दोनों ने जमानत याचिका का विरोध किया था। जेम्स को दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और बाद में दो जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad