सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अगर सरकार कश्मीर के सभी नेताओं से बातचीत करेगी तो सरकार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं को भी बातचीत के लिए निमंत्रण भेजे जाना चाहिए। सीताराम येचुरी ने ये भी कहा कि पैलेट गन को हटाकर मिर्ची बम लाए जाने जैसी विश्वास पैदा करने वाली घोषणाएं जम्मू कश्मीर में की जानी चाहिए।
हुर्रियत नेताओं को भी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने की येचुरी की मांग का समर्थन अकाली दल के सांसद प्रेम सिंह चंदू माजरा और आरजेडी सांसद जयप्रकाश यादव ने किया। कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद और अंबिका सोनी ने प्रतिनिधित्व किया। राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि हम सब चाहते हैं कि हालात ठीक हो जाए।
सरकार की तरफ से गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद कहा कि प्रतिनिधिमंडल सभी पक्षों से कश्मीर के हालात को लेकर बातचीत होगी। उसके बाद जो भी सुझाव मिलेंगे उस पर प्रतिनिधिमंडल के वापस आने के बाद उन पर चर्चा की जाएगी। सब को लगता है प्रतिनिधिमंडल के जाने बाद कश्मीर के हालात में सुधार जरूर आएगा, लेकिन सरकार को हुर्रियत नेताओं को बातचीत के लिए बुलाने को अभी तैयार नहीं है।