भारत सोमवार से स्वास्थ्य देखभाल एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष तथा उससे अधिक उम्र के लोगों को कोविड वैक्सीन की एहतियाती खुराक देना शुरू कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात कर्मियों को भी फ्रंटलाइन कार्यकर्ता के रूप में नामित किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि एक करोड़ से अधिक स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नागरिकों को उनकी एहतियाती खुराक के लिए रिमाइंडर एसएमएस भेजे गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अनुमानित 1.05 करोड़ स्वास्थ्य सेवा और 1.9 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स, और 60 से अधिक आयु वर्ग के 2.75 करोड़ लोगों को शेड्यूल के अनुसार एहतियाती खुराक दी जाएगी।
एहतियाती खुराक के लिए टीकों का कोई मिश्रण नहीं होगा। लाभार्थियों को उनके पिछले दो टीके के समान ही टीका दिया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक वैक्सीन की दूसरी खुराक देने की तारीख और एहतियाती खुराक के बीच नौ महीने (39 सप्ताह) का अंतर होगा।
कोविन (CoWIN) इस खुराक के लिए पात्र सभी लोगों को रिमाइंडर संदेश भेजेगा और टीका लगने के बाद इसे डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्र में नोट किया जाएगा। एहतियाती खुराक के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट शनिवार शाम को कोविन (CoWIN) पोर्टल पर शुरू हुआ। हालांकि, ऑनसाइट अपॉइंटमेंट का विकल्प भी है और यह 10 जनवरी से शुरू होगा।
मंडाविया ने ट्वीट में कहा "हेल्थकेयर व फ़्रंटलाइन वर्कर्स तथा 60+ आयु के लोगों को डॉक्टर की सलाह पर एहतियाती खुराक देने का कार्यक्रम आज से देशभर में शुरू हो रहा है। पीएम मोदी जी के नेतृत्व में सरकार प्राथमिकता के साथ हेल्थकेयर व फ़्रंटलाइन वर्कर्स को अतिरिक्त सुरक्षा कवच देने हेतु प्रतिबद्ध है।"
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, निजी अस्पताल जो कोविड-19 टीकाकरण केंद्र के रूप में कार्य करते हैं, वे अपने योग्य स्टाफ सदस्यों को टीका लगा सकते हैं। 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को कॉमरेडिडिटीज के साथ टीके की एहतियाती खुराक लगवाने के वक्त डॉक्टर से कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी। देश भर में कोविड-19 टीकाकरण अभियान पिछले साल 16 जनवरी को शुरू किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था। फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण 2 फरवरी से शुरू हुआ था।
टीकाकरण का अगला चरण 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए निर्दिष्ट सह-रुग्ण स्थितियों के साथ शुरू हुआ। देश ने 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया। सरकार ने तब 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीकाकरण की अनुमति देकर अपने टीकाकरण अभियान का विस्तार करने का निर्णय लिया। 15-18 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए कोविड-19 टीकाकरण 3 जनवरी से शुरू हुआ।