महिला अधिकार कार्यकर्ता और भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई ने कड़ी सुरक्षा के बीच मुंबई के प्रसिद्ध हाजी अली दरगाह में प्रवेश किया। दरगाह से बाहर आने के बाद तृप्ति ने कहा, दरगाह पर मैंने प्रार्थना की कि महिलाओं को दरगाह के आंतरिक पवित्र कक्ष में प्रवेश की अनुमति दी जाए, जैसा कि वर्ष 2011 तक होता था। उन्होंने कहा, इस बार पुलिस ने हमारे साथ सहयोग किया। यह लैंगिक समानता की लड़ाई है। अगली बार हम आंतरिक पवित्र कक्ष में प्रवेश की कोशिश करेंगे।
तृप्ति और अन्य महिला कार्यकर्ताओं को पिछले माह दरगाह में प्रवेश देने से इंकार कर दिया गया था। महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर और त्र्यंबकेश्वर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के लिए चलाए गए अभियान में सफलता मिलने के बाद उन्होंने अपने आंदोलन को मुंबई की प्रसिद्ध दरगाह में ले जाने का फैसला किया था। गत 28 अप्रैल को दरगाह में उनके प्रवेश के प्रयास को प्रदर्शनकारियों ने विफल कर दिया था।
पीर हाजी अली की दरगाह मुंबई के वरली इलाके में समुद्र तट पर एक छोटे से टापू पर स्थित है। देश और दुनिया से मुस्लिमों के साथ बड़ी संख्या में अन्य समुदाय के श्रद्धालु भी यहां जियारत के लिए आते हैं। सूफी संत पीर हाजी अली शाह बुखारी की याद में साल 1431 में इस दरगाह की स्थापना की गई थी। हाजी अली उजबेकिस्तान के बुखारा से भारत आए थे।