केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1947 में भारत के विभाजन के दौरान अमानवीय पीड़ा से गुजरने वालों को बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि जो राष्ट्र अपने इतिहास को याद रखता है वह मजबूत भविष्य बना सकता है और एक शक्तिशाली देश के रूप में उभर सकता है।
ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन ने 1947 में आज ही के दिन भारत का बंटवारा कर दिया था, जिससे पाकिस्तान का एक नये राष्ट्र के रूप में जन्म हुआ था। बंटवारे के बाद बड़े पैमाने पर हुए दंगों में लाखों लोग विस्थापित हुए थे और कई लोगों की जान चली गई थी।
शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर उन लाखों लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने इतिहास के सबसे क्रूर प्रकरण के दौरान अमानवीय पीड़ाओं का सामना किया, जीवन खो दिया और बेघर हो गए।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘अपने इतिहास को स्मृति में बसाकर, उससे सीख लेकर ही एक राष्ट्र अपने मजबूत भविष्य का निर्माण कर सकता है और एक शक्तिशाली देश के रूप में उभर सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से इस दिवस को मनाने की परंपरा राष्ट्रनिर्माण की ओर उठाया गया मजबूत कदम है।’’
देश के विभाजन के दौरान जान गंवाने वालों की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2021 में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के बारे में घोषणा करते हुए कहा था कि यह दिवस लोगों के संघर्ष और बलिदानों की याद में मनाया जाएगा क्योंकि बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।