भारत सरकार के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी कर डिजिटल इंडिया के ब्रांड एंबेसडर के नामों की घोषणा कर दी है। मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में खुद को नैतिक हैकर बताने वाले अंकित फाडिया समेत 4 लोगों को 'डिजिटल इंडिया' का ब्रांड एंबेसडर नामांकित किया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि अगले एक साल के लिए चार लोगों को डिजिटल इंडिया के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर नामित किया गया है। ब्रांड एंबेसडरों की सूची में सतवत जगवानी( आईआईटी जी-2015 के टॉपर छात्र), क्राती तिवारी (आईआईटी जी-2015 में ल़ड़कियों में टॉपर छात्र), अंकित फाडिया (लेखक एवं नैतिक हैकर) और प्रणव मिस्त्री( सैमसंग, यूएसए में कार्यरत कंप्यूटर वैज्ञानिक औऱ सिक्स्थ सेंस के लेखक) के नाम हैं। विज्ञप्ति में बताया गया है कि इन चार लोगों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को डिजिटल इंडिया का ब्रांड एंबेसडर नहीं बनाया गया है और इन चार ब्रांड एंबेसडरों की सेवाओं का उपयोग कार्यक्रम की जानकारी फैलाने के लिए जब और जहां जरूरत होगी वहां किया जाएगा।
दरअसल सोमवार को खुद को नैतिक हैकर बताने वाले अंकित फाडिया के फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में दावा किया गया था कि उन्हें 'डिजिटल इंडिया' का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। पोस्ट में लिखा था कि वह पीएम नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव का ब्रांड एंबेसडर बन कर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। अंकित के फेसबुक पेज पर किए गए इस दावे के बावजूद सरकार की ओर से इस बारे में कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया था। यहां तक कि सोशल मीडिया पर दिन-रात सक्रिय रहने वाले प्रधानमंत्री कार्यालय और इलेक्ट्रिॉनिक्स एवं सूचना तकनीक विभाग की ओर से इस दावे की न तो पुष्टि की गई थी और न ही किसी तरह का कोई खंडन सामने आया था। इस पोस्ट की वजह से सोशल मीडिया पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगी थीं। जिसके बाद सरकार को आज एक विज्ञप्ति जारी कर डिजिटल इंडिया के ब्रांड एंबेसडरों का नाम स्पष्ट करना पड़ा।
इस बीच, ट्विटर पर फाडिया के फेसबुक पेज पर हुए इस दावे को लेकर खूब चुटकियां भी ली गईं। कई लोग अंकित के दावे को सच मानने को तैयार नहीं थे। लेकिन सवाल यह है कि इस मुद्दे के तूल पकड़ने के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में समय रहते ही स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं की गई। आईटी मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना था कि नेट न्यूट्रैलिटी और इनक्रिप्शन पॉलिसी पर मचे विवाद के बाद सरकार इस मुद्दे को लेकर जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहती थी।
Humbled and honored to be appointed as one of the Brand Ambassadors to Prime Minister Narendra Modi's Digital India initiative :)
Posted by Ankit Fadia Official Page on Sunday, 27 September 2015
Maybe Ankit Fadia hacked into the PMO and got himself appointed Brand Ambassador for Digital... hehe... too impossible to even be a joke.
— Ramesh Srivats (@rameshsrivats) September 28, 2015
Ankit Fadia appointed Digital India brand ambassador. Rahul Yadav may feel ignored now.
— Madhavan Narayanan (@madversity) September 28, 2015
Hope Ankit Fadia turns out to be a U-turn or spoof. Damage to digital rights in India will extend way beyond this govt's term.
— Wildcard Vidyut (@Vidyut) September 28, 2015
i am hoping it is April 1st in some universe, and that the Ankit Fadia self proclamation is a byproduct of that April 1st ... :)
— Harini Calamur (@calamur) September 28, 2015
Witty. Sadly, Ankit Fadia is to Digital India what Smriti Irani is to education. A conduit for hidden agendas. https://t.co/ZfDoArVGiE
— Wildcard Vidyut (@Vidyut) September 28, 2015