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कोरोना संक्रमण का एक और खतरा, डॉक्टरों और नर्सों के संक्रमित होने से अस्पताल हो रहे लॉकडाउन

देश में कोरोना वायरस बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इस घातक वायरस ने डाक्टरों और नर्सों को भी अपनी...
कोरोना संक्रमण का एक और खतरा, डॉक्टरों और नर्सों के संक्रमित होने से अस्पताल हो रहे लॉकडाउन

देश में कोरोना वायरस बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इस घातक वायरस ने डाक्टरों और नर्सों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से अब अस्पतालों को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए सील किया जा रहा है। कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद सील किए गए अस्पतालों में मुंबई के दो अस्पताल हैं। दिल्ली के दो अस्पतालों को आंशिक रूप से बंद किया गया है।

मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में कोरोना मरीजों का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया है। मुंबई सेंट्रल स्थित इस अस्पताल में किसी नए मरीज की भर्ती पर रोक रहेगी। सिविक अधिकारी मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना बना रहे हैं ताकि अस्पताल चालू हो सके। बता दें कि वॉकहार्ट अस्पताल में कोरोनावायरस के संक्रमित की संख्या बढ़कर 52 हो गई है। इससे पहले 26 नर्स और 3 डॉक्टर में कोरोना की पुष्टि हुई थी। वन हिल्स अस्पताल में 31 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

वॉकहार्ट अस्पताल के बाद जसलोक अस्पताल भी सील

वॉकहार्ट अस्पताल के बाद कोरोना से मुंबई का मशहूर  जसलोक अस्पताल भी प्रभावित है। यहां कोरोना के 15 संक्रमित मामले मिलने के बाद इसे भी सील कर दिया गया है। 15 संक्रमित लोगों में दो रोगी भी शामिल हैं। जसलोक अस्पताल के 150 से अधिक कर्मचारियों को क्वारेंनटाइन किया गया है। बता दें कि मुंबई के बड़े अस्पतालों वॉकहार्ट और जसलोक में कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद दोनों अस्पतालों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही उनके ओपीडी को भी बंद कर दिया गया है। वहीं, सभी एंट्री प्वाइंट्स को बंद कर दिया गया है।  

जसलोक अस्पताल की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि एक मरीज को अलग बीमारी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ दिनों पहले उसका कोरोना टेस्ट रिजल्ट पॉटिजिव आया है। इसके बाद उसके संपर्क में आए लोगों का टेस्ट किया गया। इसके साथ ही 150 से अधिक स्टाफ को क्वारेंटाइन किया गया है। औरंगाबाद के जिला हॉस्पिटल में कार्यकर्ता एक 38 वर्षीय पुरुष नर्स में भी कोरोना पॉजिटिव आया है, जिसके बाद हॉस्पिटल के कई स्टाफ की कोरोना जांच करवाई गई है।

वॉकहार्ट में ऐसे फैला कोरोना

27 मार्च को वॉकहार्ट अस्पताल में 70 वर्षीय एक बुजुर्ग भर्ती हुआ था। उनकी एंजियोप्लास्टी होनी था। इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया। उनके संपर्क में आने वाला स्टाफ भी पॉजिटिव मिला। हाल में ही वॉकहार्ट में काम कर रहे धारावी में रहने वाले एक सर्जन में भी कोरोना की पुष्टि हुई थी। इसके बाद अस्पताल के सभी स्टाफ का चैकअप किया गया और 26 नर्स और 3 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव निकले।

दिल्ली का कैंसर अस्पताल

महाराष्ट्र के बाद राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां निजामुद्दीन, दिलशाद गार्डन और कैंसर अस्पताल के अलावा पंजाबी बाग स्थित महाराज अग्रसेन अस्पताल भी कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बन चुका है। अस्पतालों में डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में हैं। राजधानी में दूसरा स्पॉट बन चुका दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान में सोमवार को देर शाम 10 नए मामले सामने आए हैं। जिसके बाद इस सरकारी अस्पताल में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है।

दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान में सोमवार को डॉक्टर और नौ पैरामैडिकल कर्मियों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है जिसके बाद इस सरकारी अस्पताल में संक्रमण के मामलों की संख्या 18 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अस्पताल के 24 स्वास्थ्य कर्मचारियों को घर में पृथक रहने के लिए कहा गया है। साथ ही अस्पताल को आंशिक रूप से बंद किए जाने की भी बात की जा रही है। महाराजा अग्रसेन अस्पताल की बात करें तो यहां अभी तक कोरोना संक्रमण के 7 मामले सामने आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि अग्रसेन अस्पताल को भी आंशिक रूप से बंद कर दिया गया है।

डॉक्टर के संक्रमित पाए जाने के बाद बंद किया गया था अस्पताल

दरअसल, दिल्ली में दिलशाद गार्डन, निजामुद्दीन के बाद यह अस्पताल दिल्ली का तीसरा कोरोना हॉटस्पॉट बन चुका है। सबसे पहले यहां एक महिला रेजीडेंट डॉक्टर संक्रमित हुई थी, जो विदेश से लौटे अपने भाई से संक्रमित हुई थी। महिला डॉक्टर से अस्पताल में 19 लोग संपर्क में आए थे, जिसके बाद अस्पताल को एक दिन के लिए बंद कर दिया गया था।

जहां कोरोना के मरीज मिले हैं, वहां न जाएं लोग: अजित पवार

महारघ के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आम जनता से अपील की है कि जिस गली, गांव, बस्ती, सोसाइटी में कोरोना के मरीज पाए गए हैं, वहां लोग नहीं जाएं, ताकि कोरोना के वायरस से खुद को और अपने परिवार को संक्रमित होने से बचा सके। पवार ने यह भी कहा कि कोरोना मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र में है। इस पर नियंत्रण और प्रतिदिन होने वाली मृत्यु को रोकना राज्य के स्वास्थ्य विभाग का पहला प्रयास है। राज्य में कर्फ्यू लगा है, ऐसे में लोग घरों से बाहर न निकलें। पुलिस दिन-रात मेहनत कर रही है। बाहर निकलकर लोग पुलिस की परेशानी नहीं बढ़ाएं।

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