उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक सामग्री प्रसारित करने के लिए नोएडा स्थित टीवी चैनल के एक अन्य पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ कथित मानहानि कारक ट्वीट करने पर स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया की गिरफ्तारी हुई थी। जिसके बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई के आदेश दिए।
नेशन लाइव के संपादक अंशुल कौशिक को सोमवार रात गिरफ्तार किया गया और मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। चैनल की प्रमुख इशिका सिंह और संपादक अनुज शुक्ला पर भी इसी तरह का मुकदमा दर्ज किया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण ने बताया कि सोमवार देर शाम को कोतवाली फेस -तीन के अंतर्गत इलाके से कौशिक को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जिसने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इस मामले में एक आरोपी अब भी फरार है।
क्या है मामला?
एसएसपी ने बताया कि छह जून को नेशन लाइव चैनल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में बगैर तथ्यों की पड़ताल किए हुए चर्चा का आयोजन किया गया था। इसकी एंकरिंग अंशुल कौशिक कर रहे थे। चैनल पर बहस के दौरान, एक महिला ने आदित्यनाथ के खिलाफ कथित तौर पर ‘मानहानि कारक’ बयान दिया था।
एक और संपादक फरार
एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, "नेशन लाइव के संपादक अंशुल कौशिक को सोमवार रात गिरफ्तार किया गया और सूरजपुर, गौतम बौद्ध नगर में जिला और सत्र अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।" अधिकारी ने कहा, "चैनल का एक और संपादक फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।"
चैनल संचालित करने के लिए अपेक्षित लाइसेंस नहीं: पुलिस
इस मामले में यह तीसरी गिरफ्तारी है जिसमें जिला प्रशासन और पुलिस ने खुद दो एफआईआर दर्ज करने के लिए संज्ञान लिया था और जांच के दौरान केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय को यह मामला बताया था कि नोएडा स्थित समाचार चैनल संचालित करने के लिए अपेक्षित लाइसेंस नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत को तुरंत रिहा करने का दिया आदेश
इससे पहले योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर 'आपत्तिजनक पोस्ट' करने के मामले में गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया को सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। यही नहीं मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर उन्हें किन धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने कहा कि कनौजिया को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए, लेकिन उन पर केस चलता रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'प्रशांत कनौजिया ने जो शेयर किया और लिखा, इस पर यह कहा जा सकता है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। लेकिन, उसे गिरफ्तार किस आधार पर किया गया था?' सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर एक ट्वीट के लिए उनको गिरफ्तार किए जाने की क्या जरूरत थी।
‘कोर्ट ने यूपी सरकार को याद दिलाया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार’
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की भी याद दिलाई। कोर्ट ने कहा कि उसे उदारता दिखाते हुए फ्रीलांस जर्नलिस्ट कनौजिया को रिहा कर देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि लोगों की आजादी पूरी तरह अक्षुण्ण है और इससे कोई समझौता नहीं किया है। यह संविधान की ओर से दिया गया अधिकार है, जिसका कोई उल्लंघन नहीं कर सकता।
एजेंसी इनपुट