पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पार्थिव शरीर आज दोपहर गुवाहाटी से दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालम एयरपोर्ट पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे। यहां से उनका पार्थिव शरीर राजाजी मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास ले जाया जा रहा है। रास्ते में उन्हें आखिरी श्रद्धांजलि और आखिरी विदाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। कलाम के परिजनों की इच्छानुसार उनका अंतिम संस्कार 30 जुलाई को उनके गृह नगर रामेश्वरम में होगा। कलाम के अंतिम संस्कार में छह राज्यों के मुख्यमंत्रिायों के शामिल होने की संभावना है।
सोमवार शाम 'जनता के राष्ट्रपति' और 'मिसाइल मैन' कहे जाने वाले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का मेघालय की राजधानी शिलांग में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। हमेशा नौजवानों को बड़ा सोचने, आगे बढ़ने और मुश्किलों पर विजय पाने की प्रेरणा देने वाले डॉ. कलाम ने आखिरी सांसे भी छात्रों के बीच ही ली। वह आईअाईएम-शिलांग में पृथ्वी को रहने लायक जगह बनाने के विषय पर भाषण देने गए थे, लेकिन उनका भाषण शुरू होने से पहले ही समारोह में बेहोश होकर गिर पड़े। स्थानीय अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें दिल का दौरा पड़ने की वजह से मृत घोषित कर दिया।
मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि देने के बाद संसद की कार्यवाही 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई। गृह मंत्रालय ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर 2 अगस्त तक सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है लेकिन इस दौरान सभी सरकारी कार्यालय खुले रहेंगे।