जनरल रावत ने कहा, हमें रैंक एंड फाइल (सैन्य टुकड़ी) में लैडीज़ की जरूरत है, क्योंकि हम लोग कई बार जब ऑपरेशन में जाते हैं, तो वहां आवाम का सामना करना पड़ता है। कई बार लेडीज़ हमारे आगे आ जाती हैं। उन्होंने कहा कि हम पहले महिलाओं की मिलिट्री पुलिस में भर्ती शुरू करेंगे और वह अगर वहां सफल साबित होती हैं, तब अगले कदम पर विचार किया जाएगा।
गौरतलब है कि मिलिट्री पुलिस कैंटोनमेंट और सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में काम करती है। इसके साथ युद्ध और शांति के समय सैनिकों के आवागमन में मदद करती हैं। इसके अलावा मिलिट्री पुलिस के जिम्मे युद्धबंदियों की भी जिम्मेदारी होती है और जरूरत पड़ने पर सिविल पुलिस को भी मदद करती है।
इससे पहले महिलाओं की नियुक्ति कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही होती थी,जिनमें मेडिकल, लीगल, शिक्षा, सिग्नल और इंजीनियरिंग विंग शामिल हैं। ऑपरेशनल चुनौतियों और लॉजिस्टिकल मामलों के कारण महिलाओं को अब तक लड़ाकू भूमिकाओं में नहीं रखा जाता था। हालांकि अब सेना प्रमुख महिलाओं की नियुक्ति के लिए तैयार हैं।