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राम मंदिर ध्वजारोहण युगांतकारी, सदियों के जख्म भर रहे हैं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राम मंदिर ध्वजारोहण को ‘युगांतकारी’ की संज्ञा देते हुए...
राम मंदिर ध्वजारोहण युगांतकारी, सदियों के जख्म भर रहे हैं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राम मंदिर ध्वजारोहण को ‘युगांतकारी’ की संज्ञा देते हुए कहा कि “सदियों के ज़ख्म और दर्द भर रहे हैं” क्योंकि 500 साल पुराना संकल्प आखिरकार राम मंदिर के औपचारिक निर्माण के साथ पूरा हो रहा है।

राम मंदिर ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व राम मय हो गया है। उन्होंने कहा कि राम विनम्रता में महाबल का प्रतीक हैं, राम एक दिशा हैं एक मर्यादा हैं। बकौल पीएम, हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना है। कोविदार हमारी अस्मिता की वापसी का प्रतीक है। अपनी विरासत पर गर्व करें और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पानी है। उन्होंने कहा कि हमें आगामी दस वर्ष में मैकाले की गुलामी से मुक्ति पानी होगी। हम आजाद हुए पर गुलामी की मानसिकता से मुक्ति नहीं पा सके। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन सियावर रामचंद्र की जय से प्रारंभ किया, उन्होंने कहा आज सदियों के घाव भर रहे, सदियों की वेदना कम हो रही। यह उस यज्ञ की पूर्णाहुति है जिसकी अग्नि पांच सौ साल तक प्रज्ज्वलित रही। उन्होंने कहा यह संकल्प से सिद्धि का प्रतीक है, सत्यमेव जयते का प्रतीक है।

इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज करोड़ों की आस्था साकार हुई। उन्होंने कहा कि इस धर्म ध्वजा की तरह सनातन की ध्वजा को भी शिखर तक लेकर जाना है। बकौल संघ प्रमुख, इस मंदिर के लिए 500 सालों तक संघर्ष करना पड़ा, इस लहराते केसरिया ध्वज को देखकर आज सिंहल जी, रामचंद्र दास जी महाराज तथा डालमिया जी को शांति मिली होगी। उन्होंने कहा कि जैसा सोचा था मंदिर उससे भी सुंदर बना है। 

इसी के साथ 9 नवंबर 2019, 5 अगस्त 2020 और 22 जनवरी 2024 की ऐतिहासिक तारीखों के साथ अब 25 नवंबर भी सनातन धर्म के स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गई। सनातन परंपरा, आस्था और अदम्य आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक धर्मध्वज की प्रतिष्ठा आज राममंदिर के शिखर पर जिस गरिमा के साथ हुई, वह अयोध्या के संत समाज और समस्त भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय, हृदयस्पर्शी और युगांतकारी क्षण बन गया।

 

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