रविवार को सीमापार से हुए आतंकी हमले का जवाब देने के लिए सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है। पिछले दिनों हुए हमले में 18 जवान मारे गये थे। इस संबंध में बुधवार को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गयी है।
उड़ी में आर्मी बेस पर आतंकी हमले के महज दो दिन बाद मंगलवार को कश्मीर में सीमापार से घुसपैठ की दो कोशिशें की गयीं, लेकिन सेना ने दस आतंकियों को ढेर करने के साथ इसे विफल कर दिया। इसमें एक जवान भी शहीद हो गया।
इस बीच सेना ने स्पष्ट किया कि घने जंगलों में से शव बरामद होने के बाद ही मारे गये आतंकियों की संख्या का पता चल पायेगा। इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए उड़ी सेक्टर में भारतीय चौकियों पर गोलीबारी की। आतंकी हमले का जवाब देने के लिए दिल्ली में सरकार ने कई विकल्पों पर विचार किया।
श्रीनगर में सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘उरी और नौगाम सेक्टरों में नियंत्रण रेखा से घुसपैठ की आतंकवादियों की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया गया। दोनों ही जगहों पर अभी भी अभियान जारी है।’ प्रवक्ता ने अभी तक चलाये गये अभियानों में मारे गये आतंकवादियों की संख्या पर टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि उचित समय पर जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। दूसरी तरफ नौगाम क्षेत्र में अभियान में एक जवान शहीद हो गया।
आतंकी हमलेे के बाद पाकिस्तान पर किस तरह की कार्रवाई की जाए इसको ध्यान में रखकर बुधवार शाम 7 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर बैठक होगी।