सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने टूलकिट मामले में गिरफ्तार हुई जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की तत्काल रिहाई की मांग की है। उन्होंने सरकार द्वारा भारत के युवाओं को निशाना बनाने की बात कही।
पुलिस ने बताया कि दिशा को शनिवार को बेंगलुरु से ग्रेटा थनबर्ग के साथ केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान के विरोध से संबंधित टूलकिट शेयर करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद अब कई संगठनों द्वारा एक ऑनलाइन याचिका शुरू की गई है, जिसमें जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की तत्काल रिहाई की मांग की जा रही है।
कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने दिशा रवि की गिरफ्तारी की निंदा की है। ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन्स एसोसिएशन की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि रवि जैसे लोग भारत की सबसे अच्छी उम्मीद हैं क्योंकि उन्हें न सिर्फ खुद की, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की भी चिंता है।
उन्होंने आगे कहा कि हम अभी लोकतंत्र की तरह व्यवहार नहीं कर रहे हैं। अगर हम साजिश का विरोध करने वाले हैं और विरोध को साजिश के रूप में संगठित करने जा रहे हैं, तो आप अब लोकतंत्र नहीं हैं। उन्हें तुरंत पूरी तरह से भड़कीले, हास्यास्पद और बुरे बहाने के आधार पर इस मामले को छोड़ देना चाहिए। एक 'टूलकिट राजद्रोह' नहीं है, यह साजिश नहीं है।
राइट्स एक्टिविस्ट शबनम हाशमी ने भी रवि की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति यहां तक कि लोकल कैम्पेन भी टूलकिट तैयार कर सकता है। "हमें प्रधानमंत्री के टूलकिट को देखना चाहिए। हम बेहूदगी की सारी हदे पार कर रहे हैं। ऐसे में हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हंसी का पात्र बन जाएंगे।"
दिल्ली स्थित सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की प्रमुख सुनीता नारायण ने भी गिरफ्तार हुई दिशा को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा "हम जानते हैं कि क्लाइमेट चेंज एक अस्तित्वगत खतरा है। दुनिया को युवाओं की लगन, प्रतिबद्धता और उनकी आवाज को और मजबूत करने की जरूरत है जिससे वह उस ओर अपने कदम बढ़ा सकें।"
वहीं 9 साल की जलवायु कार्यकर्ता लिसीप्रिया कंगुजम ने इसे देश में युवा लड़कियों और महिलाओं की आवाज को चुप कराने का प्रयास बताया है। उन्होंने ट्विट किया "यह इस देश में युवा लड़कियों और महिलाओं की आवाज को चुप कराने की कोशिश है, लेकिन यह हमें हमारे पृथ्वी और भविष्य के लिए लड़ने से नहीं रोक सकता।"
एक संयुक्त बयान में 50 से अधिक शिक्षाविदों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं ने दिशा के समर्थन में आवाज उठाई है और उनकी गिरफ्तारी को परेशान करने वाला बताया। कोल्हान फॉर एनवायरनमेंटल जस्टिस इन इंडिया के बैनर तले जारी बयान ने इसे जनता को विचलित करने का प्रयास बताया है। उन्होंने कहा कि यह भी स्पष्ट होता जा रहा है कि केंद्र सरकार की मौजूदा कार्रवाइयां लोगों को वास्तविक मुद्दों से विचलित करने की रणनीति हैं, जैसे ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती लागत, व्यापक बेरोजगारी और एक योजना के बिना लॉकडाउन के कारण उत्पन्न संकट और पर्यावरण की चिंताजनक स्थिति।