2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद आरएसएस की पहली समन्वय बैठक राजस्थान में होने जा रही है। इस बैठक में राम मंदिर और अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी की स्थिति ही बैठक का मुख्य एजेंडा होगा।
कश्मीर मुद्दा सबसे अहम
कल से राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दिन दिन की समन्वय बैठक शुरू हो रही है। बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अलावा आरएसएस के अन्य वरिष्ठों और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी भी हिस्सा लेंगे। सूत्रों का कहना है कि बैठक में मुख्य कश्मीर का मुद्दा छाया रहेगा। हाल ही में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया है। उसके बाद घाटी कि स्थिति और राम मंदिर बैठक का मुद्दा प्रमुख होगा।
आर्थिक मंदी पर बात करेगा बीएमएस
कश्मीर घाटी के बाद अभी पार्टी के लिए सबसे बड़ा मुद्दा आर्थिक संकट भी है। देश में मंदी का जोर है। संघ के आनुषंगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) इस बारे में कई बार खुल कर बोल चुके हैं। बैठक में दोनों ही संगठन देश में चल रही आर्थिक मंदी के बारे में प्रतिनिधियों को जानकारी देंगे।
वीएचपी का मंदिर चिंतन
भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच के साथ ही विश्व हिंदू परिषद के सदस्य भी बैठक में हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि वे पूरे देश से आए संघ के प्रतिनिधियों को सुप्रीम कोर्ट में रोज चल रही अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई का विवरण साझा करेंगे। कश्मीर के बाद संघ का दूसरा मुख्य एजेंडा मंदिर ही है।
पर्यावरण, महिला सुरक्षा और युवाओं पर बात
आरएसएस के प्रचार प्रभारी अरुण कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा, देश के सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिति और पर्यावरण संरक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर इस बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा। कुमार ने कहा, "संघ के 35 सहयोगी और संबद्ध संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधि समन्वय बैठक में भाग लेंगे, जिसमें व्यापक रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा, देश के सीमाओं के क्षेत्रों और पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा होगी।" अरुण कुमार ने बताया कि महिला सशक्तीकरण और समाज में उनकी भूमिका और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी पर विचार किया जाएगा। यह रिपोर्ट महिलाओं और युवाओं के बीच एक सर्वेक्षण करने के बाद तैयार की गई है। यह रिपोर्ट देश में प्रचलित सामाजिक मुद्दों पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इसके साथ ही अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, पर भी चर्चा की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, संघ की सहयोगी संगठन, 'सीमा जागरण', अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों और कश्मीर की स्थिति पर एक प्रस्तुति दे सकता है। यह संगठन देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करता है।
रोजगार के अवसर
कुमार ने कहा कि जल संरक्षण, विकास, रोजगार के अवसर और सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन पर चर्चा होगी। साथ ही लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन और उसके हाल ही में संपन्न सदस्यता अभियान का विस्तृत विश्लेषण भी किया जाएगा। बैठक में नड्डा के अलावा भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष और महासचिव राम माधव भी बैठक में शामिल होंगे।